नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए 19 अप्रैल 2025 को दुनिया की पाँचवीं सबसे ऊँची चोटी माउंट मकालू (8,485 मीटर) को सफलतापूर्वक फतह किया। यह किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) द्वारा मकालू पर किया गया पहला सफल आरोहण है।
21 मार्च को शुरू हुआ था अभियान
इस अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण अभियान की शुरुआत 21 मार्च 2025 को नई दिल्ली से हुई थी। अभियान का उद्देश्य नेपाल स्थित दो प्रमुख शिखरों—माउंट मकालू (8,485 मीटर) और माउंट अन्नपूर्णा (8,091 मीटर)—पर चढ़ाई करना था। अभियान का नेतृत्व उप कमांडेंट अनूप कुमार नेगी ने किया, जबकि उप सेनानी निहास सुरेश उप-नेता के रूप में टीम का मार्गदर्शन कर रहे थे। कुल 12 सदस्यों की इस टीम ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और विषम मौसम के बीच साहस, अनुशासन और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया।

मकालू शिखर पर सफलता
टीम ने 19 अप्रैल की सुबह 08:15 बजे माउंट मकालू की चोटी पर सफलतापूर्वक कदम रखा। इस दल में सहायक कमांडेंट संजय कुमार, हेड कॉन्स्टेबल सोनम स्तोबदान, प्रदीप पंवार, बहादुर चंद और कांस्टेबल विमल कुमार शामिल थे। टीम की सफलता दर 83% रही, जो इस कठिन चढ़ाई के लिए उल्लेखनीय मानी जाती है।
अन्नपूर्णा पर सुरक्षा को दी प्राथमिकता
माउंट अन्नपूर्णा की चढ़ाई के दौरान टीम को अत्यंत खराब मौसम, शून्य दृश्यता और तेज़ हिमवर्षा का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद दल ने 7,940 मीटर तक चढ़ाई की, लेकिन मौसम की गंभीरता को देखते हुए चोटी से मात्र 150 मीटर पहले दोपहर 2:45 बजे लौटने का फैसला लिया गया। यह निर्णय टीम की जिम्मेदारी और पेशेवर कार्यप्रणाली को दर्शाता है।

पर्यावरण संरक्षण में निभाई भूमिका
इस अभियान को “स्वच्छ हिमालय एवं ग्लेशियर बचाओ” मिशन से भी जोड़ा गया था। अभियान के दौरान आईटीबीपी के पर्वतारोहियों ने 150 किलोग्राम गैर-अपघटनीय कचरा एकत्र कर पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की।
आईटीबीपी की पर्वतारोहण विरासत
इस अभियान के साथ ही आईटीबीपी अब तक विश्व की 14 आठ-हज़ारी चोटियों में से 6 पर चढ़ाई कर चुकी है। इसमें माउंट एवरेस्ट (5 बार), कंचनजंघा, धौलागिरी, ल्होत्से, मनास्लु और अब मकालू शामिल हैं। कुल मिलाकर बल ने अब तक 229 चोटियाँ सफलतापूर्वक फतह की हैं।
आईटीबीपी का यह साहसिक कदम केवल एक पर्वतारोहण उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों के समर्पण, अनुशासन और अद्वितीय पर्वतारोहण कौशल का प्रतीक है।