रांची: झारखंड में शराब नीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। झारखंड उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में 1 सितंबर 2025 से शराब की खुदरा बिक्री पूरी तरह निजी हाथों में सौंप दी जाएगी। इसके लिए “झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025” को लागू किया जाएगा।
1 सितंबर से निजी एजेंसियों को मिलेगा संचालन का जिम्मा
झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने जानकारी दी कि 45 दिनों के भीतर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन निजी हाथों में कर दिया जाएगा। इससे पहले शराब दुकानों की रेवेन्यू रिपोर्ट और टारगेट लिस्ट बनाई जाएगी, जिस आधार पर आवंटन होगा।
जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक झारखंड बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JSBCL) ही इन दुकानों का संचालन करता रहेगा। हालांकि, मैनपावर की कमी के चलते अभी लगभग आधी दुकानें बंद रहने की आशंका है। वर्तमान में यह संचालन प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है।
दुकानों में स्टॉक नहीं होने के पीछे क्या है कारण?
सुबोध कुमार जायसवाल ने बताया कि नई व्यवस्था लागू करने के दौरान दुकानों में स्टॉक मिलान, हैंडओवर-टेकओवर, सेल और डिपोजिट जैसी प्रक्रियाएं चल रही थीं, जिसके चलते शराब कंपनियों को समय पर ऑर्डर नहीं भेजा गया। अब कंपनियों को भुगतान हो चुका है और अगले दो-तीन दिनों में स्टॉक उपलब्ध हो जाएगा।
खुदरा दुकानें बढ़ेंगी, राजस्व में होगा इजाफा
फिलहाल राज्य में 1,453 खुदरा शराब दुकानें संचालित थीं, लेकिन नई व्यवस्था के तहत यह संख्या बढ़कर करीब 1,600 हो सकती है। इससे राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
साथ ही, निजी एजेंसियों को दुकानों के संचालन का अधिकार मिलने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवा और रेट पर पारदर्शिता मिलेगी। अब हर दुकान में हर तरह का कलेक्शन अनिवार्य होगा। अब तक जो प्लेसमेंट एजेंसियों की मोनोपॉली चल रही थी, वो पूरी तरह खत्म हो जाएगी। ग्राहकों से प्रिंट रेट से अधिक वसूली की जो शिकायतें थीं, वे अब 1 सितंबर के बाद पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
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