खूंटी : झारखंड के खूंटी-सिमडेगा मुख्य सड़क पर पेलौल गांव के पास बनई नदी पर बना अस्थायी डायवर्सन शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश में बह गया। यह वही डायवर्सन है, जिसके आवागमन शुरू करने की मांग शुक्रवार को बाबा आमरेश्वर धाम प्रबंध समिति के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से की थी, लेकिन रात होते-होते तेज बारिश ने डायवर्सन को बहा दिया।
इस घटना के कारण सावन महीने में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब भक्तों को अंगराबाड़ी पहुंचने में दिक्कत होगी, क्योंकि अस्थायी डायवर्सन से पैदल और दोपहिया वाहन की आवाजाही संभव थी।
19 जून की बारिश में ध्वस्त हुआ था पुल
गौरतलब है कि 19 जून को भारी बारिश में बनई नदी का पुल ध्वस्त हो गया था। उसके बाद डायवर्सन निर्माण के लिए ₹1.80 करोड़ की निविदा प्रकाशित हुई, लेकिन अब तक कार्यकारी एजेंसी की नियुक्ति नहीं हो सकी। सावन को देखते हुए खूंटी के संवेदक शिव कुमार साहू ने अस्थायी डायवर्सन तैयार किया था।
बिना टेंडर विधायक ने किया शिलान्यास
बिना कार्य आवंटन के ही खूंटी विधायक रामसूर्या मुंडा ने डायवर्सन का शिलान्यास किया था, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन ने डायवर्सन से आवागमन पर रोक लगाई थी, लेकिन श्रद्धालु पैदल पार कर रहे थे। शुक्रवार को प्रबंध समिति ने छोटी गाड़ियों और दोपहिया वाहनों के आवागमन की अनुमति की मांग की थी, पर रात को ही डायवर्सन बह गया।
स्थानीयों का आरोप—राजनीति ज्यादा, काम कम
स्थानीय लोगों का कहना है कि डायवर्सन के निर्माण में काम से ज्यादा राजनीति हो रही है। बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी किए शिलान्यास किए जाने को लेकर सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
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