Chief Minister Hemant Soren : रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के महानायक स्वर्गीय शिबू सोरेन के निधन के बाद, उनके पुत्र और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने सोमवार को उनके पारंपरिक श्राद्ध कर्म का ‘सात कर्म’ विधान पूरा किया। यह धार्मिक अनुष्ठान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री अपने परिजनों के साथ शामिल हुए।
Chief Minister Hemant Soren : पिता की यादों के बीच राजकाज की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री एक पुत्र के रूप में, अपने पिता के निधन से गहरा दुख महसूस कर रहे हैं। इस दुख की घड़ी में भी, उन्होंने न सिर्फ अपने बेटे का कर्तव्य निभाया, बल्कि राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। वह अपने पैतृक गांव नेमरा से ही सरकार के कामकाज का निर्वहन पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं।
यह दर्शाता है कि एक ओर जहां वे परिवार के सदस्य के रूप में अपने पिता की अंतिम यात्रा को पूरी तरह से सम्मान दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य के मुखिया के रूप में अपनी जिम्मेदारियों से भी मुंह नहीं मोड़ रहे हैं।
Chief Minister Hemant Soren : झारखंड की राजनीति में शिबू सोरेन का योगदान
शिबू सोरेन, जिन्हें सम्मानपूर्वक “गुरुजी” के नाम से जाना जाता है, झारखंड की राजनीति और समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन के लिए लंबा संघर्ष किया और आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए आजीवन लड़ाई लड़ी। उनका निधन झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हेमंत सोरेन पर अब पिता की विरासत को आगे बढ़ाने और उनके सपनों को साकार करने की दोहरी जिम्मेदारी है।