

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को शराब घोटाले में आरोपी और निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में निर्णय जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ ने सुनाया। इस मामले में विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी ने पैरवी की।

अपनी गिरफ्तारी को दी थी चुनौती
गौरतलब है कि विनय चौबे शराब घोटाले में आरोपी है। उन्होंने अपनी याचिका में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज FIR और उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। उन्होंने अदालत से सभी आरोपों और दंडात्मक कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी।

शराब घोटाला मामले में 20 मई को हुए थे गिरफ्तार
गौरतलब है कि ACB ने 20 मई को शराब घोटाले की जांच के तहत विनय चौबे को पूछताछ के लिए तलब किया था। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं।

गंभीर आरोपों के चलते सेवा से निलंबन
राज्य सरकार ने उन पर लगे गंभीर आरोपों के आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया है। यह मामला झारखंड में जारी शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
नियमों को दरकिनार कर करोड़ों की अनियमितता
झारखंड शराब घोटाला राज्य में शराब की खरीद, वितरण और बिक्री प्रणाली में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। आरोप है कि सरकारी नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। इसमें फर्जी बिलिंग, अवैध आपूर्ति और कीमतों में हेराफेरी कर राज्य सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
लपेटे में हैं कई प्रभावशाली लोग
इस घोटाले में कई बड़े अफसरों और प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे भी शामिल हैं। मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कर रहा है। ACB ने कई लोगों से पूछताछ की और कुछ को गिरफ्तार भी किया है। गंभीर आरोपों के चलते संबंधित अफसरों को सेवा से निलंबित किया जा चुका है।
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