

RANCHI: रिम्स में ड्यूटी के दौरान गायनेकोलॉजी विभाग में तैनात एक महिला पीजी डॉक्टर की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिसे आईसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, ड्यूटी के दौरान विभाग के कई डॉक्टरों ने कैंटीन से चाय मंगाई थी। चाय पीने के बाद डॉक्टर ने अपने साथियों से चाय का टेस्ट खराब होने की शिकायत की। इसके बाद उनके साथियों ने चाय नहीं पी। कुछ ही देर में पीजी डॉक्टर की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया। फिलहाल डॉक्टर को आईसीयू में 48 घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी हैं। वहीं कैंपस में चल रहे दोनों कैंटीन को सील कर दिया है।


जांच के लिए कमिटी गठित
इस घटना ने रिम्स कैंपस में हड़कंप मचा दिया है। कैंटीन की गुणवत्ता और साफ-सफाई को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठते रहे हैं। अब घटना के बाद डॉक्टर और स्टाफ में चिंता का माहौल है। वहीं दृष्टिकोण से यह मामला पॉइजनिंग से संबंधित प्रतीत हो रहा है घटना की गंभीरता को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने जांच हेतु मेडिसिन एचओडी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया है। जिसमें गायनेकोलॉजी की एचओडी, एफएमटी डॉ भूपेंद्र सिंह टॉक्सिकोलॉजिस्ट शामिल हैं। वहीं इस घटना की सूचना बरियातू थाना को दे दी गई है। प्रबंधन की ओर से दोनों कैंटीन को बरियातू थाना पुलिस की मौजूदगी में सील किया गया है। साथ ही कैंटीन संचालक अन्नपूर्णा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और रात में कार्यरत कर्मियों से बरियातू थाना पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है।

हाईकोर्ट की टीम ने किया था इंस्पेक्शन
पिछले दिनों हाईकोर्ट की टीम के इंस्पेक्शन के दौरान भी बिना टेंडर के अवैध रूप से कैंटीन के संचालन की बात सामने आई थी। उस समय रिम्स के अधिकारियों ने मामले में लीपापोती करने की कोशिश की थी। वहीं टीम को बताया था कि सफाई एजेंसी कैंटीन का संचालन कर रही है। इसके बाद भी रिम्स प्रबंधन ने कैंटीन संचालकों पर कोई रोक नहीं लगाई।

