

RANCHI: झारखंड की राजधानी रांची के दीपाटोली स्थित केरकेट्टा ऑडिटोरियम में आयोजित ईस्ट टेक संगोष्ठी 2025 आत्मनिर्भर से संपूर्णता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि ईस्ट टेक 2025 झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिससे राज्य की छवि और तकदीर दोनों बदलने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन एसआईडीएम और सीआईआई झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस दौरान मंत्री ने ईस्ट टेक 2025 के लोगो का भी अनावरण किया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन झारखंड के उद्यमियों, एमएसएमईएस और स्टार्टअप्स को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

रक्षा मंत्रालय कर रहा कार्य
संजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” विजन को साकार करने के लिए रक्षा मंत्रालय सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। वर्तमान में भारत 92 देशों को रक्षा सामग्री एक्सपोर्ट कर रहा है, जिसकी कुल वैल्यू 23,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इस लक्ष्य को अब बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये तक करने की योजना है, जिसमें झारखंड के उद्यमियों की भागीदारी बेहद जरूरी है। इस अवसर पर ईस्टर्न कमांड के मेजर जनरल मदनराज पांडे ने कहा कि ईस्ट टेक 2025 रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने और नई तकनीकों को अपनाने में मदद करेगा। वहीं मेजर जनरल सज्जन सिंह मान ने कहा कि इस एक्सपो से सेना और इंडस्ट्री के बीच सहयोग मजबूत होगा।

ब्रिगेडियर आशीष भट्टाचार्य ने एमएसएमई की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छोटे और मध्यम उद्योग रक्षा क्षेत्र में नवाचार और उत्पाद विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। पूर्व सांसद महेश पोद्दार ने संगोष्ठी को एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ा अवसर बताया। झारखंड चैंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी, जेसिया के सचिव शिवम सिंह और सिंहभूम चैंबर के विजय आनंद समेत अन्य उद्यमियों ने भी इस आयोजन का स्वागत किया।

