

हजारीबाग : झारखंड के हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Sheikh Bhikhari Medical College Hospital) में मंगलवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। अस्पताल के लेबर रूम में अचानक आग लग जाने से अफरा-तफरी मच गई, लेकिन अस्पताल कर्मचारियों और मरीजों के परिजनों की सूझबूझ से करीब 50 मरीजों की जान बच गई। आग लगने की वजह से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार को रात करीब 12 बजे हुई। लेबर रूम में मौजूद एक मरीज के परिजन ने मच्छर भगाने के लिए अगरबत्ती जलाई थी। इस अगरबत्ती से निकली एक चिंगारी दुर्भाग्यवश अस्पताल के ऑक्सीजन पाइप के संपर्क में आ गई। ऑक्सीजन पाइप में आग लगते ही वह तेजी से फैलने लगी और कुछ ही क्षणों में पूरा वार्ड धुएं से भर गया। अचानक उठी लपटों और धुएं ने मरीजों और उनके परिजनों में दहशत फैला दी।

Hazaribagh Fire News : अस्पताल कर्मियों और परिजनों की सूझबूझ ने बचाई जानें
आग की लपटें और धुंआ देखकर वार्ड में मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत मोर्चा संभाला। उन्होंने बिना समय गंवाए मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना शुरू कर दिया। वहीं, मरीजों के परिजनों ने भी कर्मचारियों का पूरा सहयोग किया, जिससे रेस्क्यू प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सकी। बताया जा रहा है कि अगर कुछ मिनटों की भी देरी होती तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी। कर्मचारियों ने अग्निशामक यंत्रों का उपयोग कर आग पर शुरुआती तौर पर ही काबू पा लिया, जिससे बड़ा नुकसान होने से बच गया। घटना की सूचना तुरंत दमकल विभाग को भी दी गई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही आग को पूरी तरह बुझा दिया गया था। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी मरीज या कर्मचारी को कोई चोट नहीं आई और न ही कोई जनहानि हुई।

Hazaribagh Fire News : अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर उठे सवाल
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय सांसद मनीष जायसवाल के प्रतिनिधि रंजन चौधरी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। चौधरी ने कहा कि अगर समय रहते कर्मचारियों ने तत्परता नहीं दिखाई होती, तो एक बड़ी त्रासदी हो सकती थी। उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अस्पताल में सुरक्षा मानकों को सख्त करने की मांग की।
इस घटना के बाद, अस्पताल प्रबंधन ने अपनी चूक स्वीकार करते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने का आश्वासन दिया है। प्रबंधन ने कहा है कि मरीजों और उनके परिजनों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और सभी अस्पताल कर्मचारियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अस्पतालों जैसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के मानकों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है।
