Chaibasa (Jharkhand) : सारंडा वन क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (वन्यजीव आश्रयणी) घोषित करने के प्रस्ताव को लेकर झारखंड सरकार सक्रिय हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में 7 अक्टूबर तक निर्णय लेने का निर्देश दिया है, जिसके अनुपालन में झारखंड कैबिनेट ने मंत्रियों का एक महत्वपूर्ण समूह (Ministers Group) गठित किया है। यह समूह 30 सितंबर (मंगलवार) को सारंडा क्षेत्र के दौरे पर आएगा और पूरे प्रस्ताव का आकलन करेगा। समूह में इस जिसमें ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह, वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर, श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव और कल्याण मंत्री चमरा लिंडा शामिल हैं।
20 सितंबर की समीक्षा बैठक में उठे थे गंभीर सवाल
सारंडा वन क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित करने के प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए पिछले 20 सितंबर को चाईबासा में उपायुक्त चंदन कुमार ने एक समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, वन विभाग के प्रतिनिधि, खनन क्षेत्र के महाप्रबंधक और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसमें मेसर्स सेल मनोहरपुर और गुवा लौह अयस्क खदान के महाप्रबंधकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि नो-माइनिंग जोन घोषित होने से खनन गतिविधियां प्रभावित होंगी और राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो सकता है।
उन्होंने सुरक्षित उत्पादन और माल निकासी मार्ग बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया था। चाईबासा चैम्बर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने अनुरोध किया कि सीमित क्षेत्रों को ही आश्रयणी में शामिल किया जाए, ताकि राज्य की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हों।
जिला परिषद अध्यक्षा लक्ष्मी सुरेन और विधायक जगत मांझी व सोनाराम सिंकु ने वनवासियों के अधिकार, आजीविका, स्वास्थ्य, पेयजल और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। इस दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रावधान यथावत रहेंगे और ग्रामीणों के अधिकारों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। अंततः यह निर्णय लिया गया कि प्रभावित ग्रामों में ग्रामसभा आयोजित कर स्थानीय राय प्राप्त की जाएगी, जिसके बाद ही प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
विरोध में छोटानागरा में विशाल आमसभा की तैयारी
इस प्रस्ताव के विरोध में छोटानागरा के ग्रामीण पूरी तरह से एकजुट हो गए हैं। सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव आश्रयणी घोषित करने के प्रस्ताव के विरोध में 30 सितंबर (मंगलवार) को ही छोटानागरा फुटबॉल मैदान में विशाल आमसभा का आयोजन किया जाएगा। सभा सुबह 10 बजे से होगी। आयोजकों ने ग्रामीणों से परंपरागत हथियार और पारंपरिक पहनावे के साथ उपस्थित होने का आग्रह किया है।
जानकारी के अनुसार सभा में मुख्य अतिथि सांसद जोबा मांझी होंगी। इसके साथ ही अतिथि के रूप में राज्य सरकार के मंत्री दीपक बिरूवा, विधायक जगत मांझी, सोनाराम सिंकु, निरल पुरती, दशरथ गगराई और सुखराम उरांव समेत 56 गांवों के मुण्डा मानकी पंचायत के प्रतिनिधि शामिल होंगे। आयोजकों में सारंडा क्षेत्र के मानकी लागुड़ा देवगम, बामिया मांझी, जेना वाडिंग, दुला चाम्पिया, सोहन मांझी, लालसय चाम्पिया सहित दर्जनों अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हैं।