जमशेदपुर : साकची में दशहरा पर्व का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें श्रीश्री रामलीला उत्सव समिति ने राम-रावण युद्ध का जीवंत मंचन प्रस्तुत किया और 16 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत काशीडीह से हुई, जहां भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की झांकियों के साथ रावण के पुतले को विभिन्न मार्गों से घुमाते हुए साकची स्थित रामलीला मैदान तक पहुंचाया गया। रास्ते में निकलते समय भीड़ ने उत्सव का आनंद लिया और भक्तिभाव में झूम उठी।
रामलीला मंचन में रावण और राम के संवाद दर्शकों के बीच रोमांच का संचार कर रहे थे। मंच पर रावण गरजते हुए बोला- ‘तुम्हारे प्रयास व्यर्थ हैं, हे राम! मेरा साम्राज्य नष्ट नहीं होगा!’
राम ने धीरज और साहस के साथ उत्तर दिया- ‘असत्य और पाप की शक्ति चाहे कितनी भी बड़ी हो, अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है, रावण!’
लक्ष्मण ने राम के आदेश पर तीर चलाते हुए कहा-
‘भाई, अब बुराई का अंत करने का समय आ गया है!’
मंच पर हनुमान ने रावण को चुनौती दी और भगवान राम ने अपने तेजस्वी तीरों से रावण के पुतले पर निशाना साधा। इसके बाद पूरे मैदान में आतिशबाजी और पटाखों के बीच रावण का दहन किया गया। दहन के समय आसमान रोशनी से जगमगाया और भीड़ ने जय-जयकार कर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया।
श्रीश्री रामलीला उत्सव समिति के संचालक मनोज मिश्रा ने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि समाज में सत्य, धर्म और अच्छाई की शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने शहरवासियों से आग्रह किया था कि वे परिवार सहित इस पावन अवसर में शामिल होकर बुराई पर अच्छाई की विजय के साक्षी बनें।
इस आयोजन ने न केवल दशहरा पर्व की धार्मिक गरिमा को बढ़ाया, बल्कि जमशेदपुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपरा को भी गौरव प्रदान किया। पूरे कार्यक्रम में भक्ति गीत, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और आतिशबाजियों ने वातावरण को भक्तिमय और रोमांचक बना दिया।
इनकी रही उपस्थिति
रावण दहन के कार्यक्रम में डॉ. डीपी शुक्ला, शंकर लाल सिंघल, राम केवल मिश्रा, अनिल कुमार चौबे, दिलीप तिवारी, गया प्रसाद चौधरी, अवधेश मिश्र, मगन पांडे, महेश तिवारी आदि उपस्थित थे, जबकि रावण दहन विकाश सिंह (केके बिल्डर) ने किया।