Chaibasa (Jharkhand) : कुड़मी-महतो को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग के विरुद्ध आदिवासी समाज ने अपना विरोध तेज करने का ठोस फैसला लिया है। इसी कड़ी में, सोनुवा प्रखंड परिसर स्थित कला एवं संस्कृति भवन में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता उदय पुरती ने की।
बैठक में लिया गया निर्णय
बैठक में गहन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि मनोहरपुर विधानसभा स्तरीय निर्धारित जनाक्रोश रैली, जो पहले 12 अक्टूबर को गोईलकेरा में प्रस्तावित थी, उसे स्थगित कर अब 18 अक्टूबर 2025 को सोनुवा प्रखंड मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। तिथि में परिवर्तन का कारण 14 अक्टूबर को वीर शहीद देवेंद्र माझी के शहादत दिवस पर गोईलकेरा में होने वाला बड़ा कार्यक्रम बताया गया।
कुड़मी का दावा हमारी अस्मिता और पहचान पर सीधा प्रहार : पातोर जोंको
रैली को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में जनजागरण अभियान चलाने हेतु पंचायतवार बैठकों का शेड्यूल भी तय किया गया है। आदिवासी समाज ने संकल्प लिया है कि इस रैली में हजारों की तादाद में जनसैलाब उमड़ेगा और वे अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। आदिवासी समाज महासभा सह आदिवासी समन्वय समिति के अध्यक्ष पातोर जोंको ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “कुड़मी/महतो समुदाय का यह तथ्यों और इतिहास से परे किया जा रहा दावा आदिवासी समाज की अस्मिता, अधिकार और पहचान पर सीधा प्रहार है। हम किसी भी कीमत पर अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य और आरक्षण व्यवस्था से समझौता नहीं कर सकते। यह रैली केवल एक विरोध नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान और अस्मिता की रक्षा का संकल्प है। गांव-टोला से उठी यह हुंकार अब पूरे झारखंड में गूंजेगी।”
शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन का निर्णय
बैठक में सर्वसम्मति से यह भी तय किया गया कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से होगा, लेकिन उसकी गूंज इतनी प्रखर होगी कि शासन-प्रशासन को भी इसे नजरअंदाज करना संभव नहीं होगा। बैठक में डॉ. दिनेश चंद्र बोयपाई, महेंद्र जामुदा, गोविंदा जामुदा, केदारनाथ नायक सहित अनेक गणमान्य आदिवासी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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