Chaibasa (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो प्रखंड के लिसिमोती गांव में रविवार को वज्रपात की चपेट में आने से चार बैलों की मौत हो गई। अचानक हुई इस घटना से गांव में मातम और सन्नाटा फैल गया है। मृत बैलों के मालिक ननकी गागराई और महावीर लागुरी हैं, जो इन बैलों के सहारे खेती करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे।
खेत में चर रहे थे बैल, अचानक गिरी बिजली
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, सुबह के समय गांव के कुछ किसान अपने बैलों के साथ खेत की ओर गए थे। तभी अचानक तेज बारिश के साथ आसमान में गरज के साथ बिजली गिरी, जिससे चारों बैल मौके पर ही गिर पड़े। ग्रामीण जब तक कुछ समझ पाते, तब तक बैलों की मौत हो चुकी थी।
बैल ही थे जीवन का सहारा : ननकी गागराई
मृत बैलों में दो बैल ननकी गागराई के थे, जो एक विधवा किसान हैं। उन्होंने बताया, “मेरे पास न खेती का कोई मजदूर है, न कोई और सहारा। ये बैल ही मेरे खेत जोतने और परिवार चलाने का जरिया थे। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे कैसे गुजारा होगा। उनके अनुसार, वज्रपात से हुए नुकसान ने उनकी पूरी आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है।
महावीर लागुरी को भी हुआ भारी आर्थिक नुकसान
अन्य दो मृत बैल महावीर लागुरी के थे, जो वर्षों से खेती के सहारे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। महावीर ने बताया कि उनके पास भी बैलों के अलावा कोई अन्य साधन नहीं है।अब खेत जोतने का कोई साधन नहीं बचा। सरकार से मदद की उम्मीद है ताकि हम फिर से खेती शुरू कर सकें।
ग्रामीणों ने की मुआवजा की मांग
घटना के बाद लिसिमोती गांव के ग्रामीणों ने टोंटो प्रखंड के पशुपालन पदाधिकारी से तुरंत मुआवजा दिलाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और सरकार को तत्काल राहत राशि जारी करनी चाहिए।
प्रशासन ने शुरू की जांच, मुआवजे की प्रक्रिया होगी प्रारंभ
स्थानीय प्रशासन ने वज्रपात की घटना की जानकारी मिलने के बाद टीम को मौके पर भेजा है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने मृत बैलों का पंचनामा तैयार कर लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, किसानों को मुआवजे की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
ग्रामीणों में डर और चिंता का माहौल
लगातार बदलते मौसम और वज्रपात की घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत है। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। ग्रामीण प्रशासन से बिजली गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं।
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