Saraikela (Jharkhand) : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी की पहचान और लाडली बन चुकी मादा हाथी रजनी का 16वां जन्मदिन मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास और सामुदायिक भागीदारी के साथ मनाया गया। वन विभाग द्वारा आयोजित इस खास कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया, जिससे पूरे माहौल में उत्सव का रंग घुल गया।
रजनी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। करीब 13 वर्ष पहले वह दलमा के जंगलों में अपने झुंड से बिछड़ गई थी और घायल अवस्था में पाई गई थी। उस समय वन विभाग की टीम ने अथक प्रयास कर उसे रेस्क्यू किया। अधिकारियों और चिकित्सकों की लगातार देखभाल और प्यार से वह पूरी तरह स्वस्थ हुई और दलमा परिवार की चहेती बन गई। विभाग ने उसे ‘रजनी’ नाम दिया।
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है रजनी का स्थायी आवास
आज रजनी न केवल दलमा की शान है, बल्कि हर आने वाले पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। मालूकोचा क्षेत्र में बने उसके स्थायी आवास पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग उसे देखने पहुंचते हैं। मंगलवार को उसके जन्मदिन के अवसर पर वन विभाग की ओर से विशेष रूप से 16 पाउंड का केक तैयार करवाया गया, जिसे बच्चों के बीच वितरित किया गया। इस मौके पर रजनी भी उत्साहित दिखी और बच्चों के साथ खेलते हुए खूब खुशी का इजहार किया।
विधायक ने की रजनी के दीर्घायु होने की कामना
इस अवसर पर ईचागढ़ की विधायक सविता महतो भी मौजूद रहीं। उन्होंने रजनी को दलमा परिवार का अभिन्न हिस्सा बताते हुए उसकी दीर्घायु की कामना की और वन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रजनी के संरक्षण और देखभाल में विभाग की भूमिका सराहनीय एवं अनुकरणीय है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना है। रजनी का जीवन हमें यह संदेश देता है कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संतुलन और सद्भाव ही प्रकृति की सच्ची खूबसूरती है।