Jharkhand Monsoon Withdrawal : रांची : झारखंड में मौसम ने करवट ले ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कल (शनिवार) से आसमान पूरी तरह से साफ हो जाएगा और परसों (रविवार) से प्रदेश में मानसून की विदाई की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इससे पहले आज कुछ इलाकों में आंशिक बादल और गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि झारखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान मानसून काफी कमजोर रहा है। धनबाद, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, दुमका, गुमला और रांची जैसे जिलों में छिटपुट बारिश दर्ज की गई। वहीं, आने वाले दिनों में तेज धूप और उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली ठंडी हवाओं का असर दिखाई देगा।
Jharkhand Monsoon Withdrawal : 12 अक्टूबर से झारखंड से शुरू होगी मानसून की विदाई
IMD के मुताबिक, झारखंड के उत्तर और बिहार से सटे जिलों में 12 अक्टूबर तक मानसून की विदाई का पहला चरण पूरा हो जाएगा। जबकि, राज्य के शेष हिस्सों से एक दिन बाद मानसून की विदाई होने की संभावना है। मानसून के कमजोर होने का सबसे पहला असर राज्य के पश्चिमी और पश्चिमोत्तर भागों में दिखाई देगा, जहां बादल छंटने लगेंगे। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का मौसम पहले ही साफ हो चुका है, जिससे झारखंड में भी जल्द ही स्पष्ट मौसमी परिवर्तन देखने को मिलेगा।
IMD weather report : तापमान में होगी गिरावट, ठंडी हवा देगी राहत
रविवार से झारखंड में उत्तर और पश्चिम दिशा से ठंडी हवाएं बहने लगेंगी, जिससे राज्य में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि, अगले पांच दिनों तक अधिकतम तापमान में ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा। लेकिन मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अगले चार दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट संभव है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने जानकारी दी कि रांची समेत झारखंड के अधिकांश हिस्सों में मानसून धीरे-धीरे निष्क्रिय होता जा रहा है, जिससे आने वाले सप्ताह में शुष्क और साफ मौसम की स्थिति बन रही है।
Jharkhand Monsoon Withdrawal : इन जिलों में हुई हल्की बारिश
पिछले 24 घंटे में झारखंड के कुछ जिलों में मामूली बारिश दर्ज की गई…
धनबाद : 21.8 मिमी
खूंटी : 17 मिमी
पूर्वी सिंहभूम : 4 मिमी
इसके अलावा दुमका, गुमला और रांची में भी कहीं-कहीं हल्की या छिटपुट वर्षा हुई।
Jharkhand Temperature Update : छत्तीसगढ़ का असर दक्षिणी झारखंड पर
छत्तीसगढ़ में बादलों की हल्की मौजूदगी बनी रहने के कारण इसका असर दक्षिणी झारखंड के कुछ हिस्सों पर भी पड़ सकता है। हालांकि, यह असर बहुत सीमित और अस्थायी रहेगा।