Ranchi (Jharkhand) : झारखंड उच्च न्यायालय में मंगलवार को सूर्या हांसदा मुठभेड़ मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता पंकज मिश्रा को नोटिस जारी किया है, साथ ही राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

दरअसल, सूर्या हांसदा वह व्यक्ति था जो विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर विधानसभा के चुनाव लड़ चुका था। न्यायाधीश जस्टिस अम्बुज नाथ की अदालत में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने पक्ष रखा।
मुठभेड़ को बताया गया फर्जी, गिरफ्तारी के बाद हत्या का आरोप
सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला मुर्मू और मां नीलमुनी मुर्मू ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच के लिए उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिट दाखिल की है। याचिका में कई उच्चाधिकारियों को भी पार्टी बनाया गया है, जिनमें राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, गोड्डा जिले के पुलिस अधीक्षक और देवघर पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।
सूर्या हांसदा की मां नीलमुनि मुर्मू ने अपनी याचिका में दावा किया है कि घटना से पहले उनके बेटे को देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। याचिका में यह भी उल्लेख है कि हाल ही में साहिबगंज के मिर्जा चौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में सूर्या हांसदा के खिलाफ कई संगीन अपराधों में संलिप्त रहने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
कब और कहां हुई थी मुठभेड़?
गौरतलब है कि गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र स्थित ललमटिया धमनी पहाड़ में 11 अगस्त को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में सूर्या हांसदा मारा गया था। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उनकी गिरफ्तारी 10 अगस्त की शाम को ही हो गई थी। उच्च न्यायालय अब इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद करेगा, जब राज्य सरकार और पंकज मिश्रा अपना जवाब दाखिल करेंगे। इस मामले ने झारखंड के राजनीतिक और कानूनी गलियारों में हलचल मचा दी है।