RANCHI: झारखंड की राजनीति में अवैध खनन का मुद्दा एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है। भाजपा विधायक सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने साहेबगंज जिले के बोरियो अंचल स्थित मौजा बिन्देरी बंदरकोला में बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन का गंभीर आरोप लगाते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी लीजधारक सत्यनाथ साह पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।

20 एकड़ अतिरिक्त भूमि पर खनन
बाबूलाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जिला खनन कार्यालय द्वारा सत्यनाथ साह को वर्ष 2017 में महज 4 एकड़ भूमि (जमाबंदी नं-11, दाग नं-719) पर वैध खनन पट्टा दिया गया था, जो 2027 तक प्रभावी है। इसके बावजूद लीजधारक ने कथित रूप से 20 एकड़ अतिरिक्त भूमि (दाग नं-720 एवं 721) पर अवैध पत्थर उत्खनन कर लगभग 200 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति पहुंचाई है।
उपप्रमुख ने की थी शिकायत
उन्होंने बताया कि बोरियो प्रखंड के उपप्रमुख कैलाश प्रसाद की शिकायत पर उपायुक्त साहेबगंज ने एक दो सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसकी अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी ने की। जांच रिपोर्ट में अवैध पत्थर खनन की पुष्टि भी हुई। इसके बावजूद जिला खनन पदाधिकारी और थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने लीजधारक को संरक्षण दिया और उल्टा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले उपप्रमुख कैलाश प्रसाद को फर्जी FIR दर्ज कर हाजत में बंद कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने अपनी जान को खतरा भी जताया है।
राजस्व नुकसान की वसूली की जाए
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अवैध उत्खनन का सटीक आकलन कराया जाए। वहीं राजस्व नुकसान की वसूली की जाए। उन्होंने तत्काल अवैध खनन पर रोक लगाने के साथ शिकायतकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि खनन एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को भी भेजी है।
अब देखना होगा कि हेमंत सरकार इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाती है, क्योंकि साहेबगंज में अवैध खनन का मुद्दा पहले भी कई बार सुर्खियों में रहा है। यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई, तो यह एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है।