Hazaribagh (Jharkhand) : हजारीबाग में जरूरतमंद मरीजों को खून के संकट से जूझना पड़ रहा है। इसकी वजह रक्तदाताओं की संख्या में कमी मानी जा रही है। साथ ही इसे चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ा दिए जाने का साइड इफेक्ट माना जा रहा है। बताया जाता है कि चाईबासा की घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से नया नियम लागू कर दिए जाने के बाद यह समस्या उत्पन्न हुई है।
अब बिना रक्तदान के ही जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराने का प्रावधान कर दिया गया है। उसके बाद से यहां रक्तदाताओं की कमी हो गई है। रक्तदान नहीं होने की स्थिति में जिले के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित ब्लड बैंक समेत निजी ब्लड बैंकों में भी खून की भारी किल्लत हो गई है।
खाली हाथ लौट रहे कई जरूरतमंद, थैलेसीमिया पीड़ितो को सर्वाधिक परेशानी
स्थिति यह है कि कई मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है, तो कुछ लोगों को लंबे इंतजार के बाद रक्त मिल पा रहा है। थैलेसीमिया जैसे नियमित रक्त की आवश्यकता वाले मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि पहले ‘खून के बदले खून’ देने की व्यवस्था थी। अब किसी भी जरूरतमंद को रक्त के लिए रक्तदाता लाने की बाध्यता नहीं है। जानकार बताता हैं कि राज्य सरकार के इस फैसले का उद्देश्य जनहित में था, लेकिन रक्तदाताओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। इस वजह से जिले के ब्लड बैंकों में रक्त का स्टॉक लगभग खाली हो गया है।
ब्लड बैंक में मात्र 20 यूनिट रक्त
ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि दो दिन पहले तक बैंक में लगभग 100 यूनिट रक्त उपलब्ध था, जो अब घटकर केवल 20 यूनिट रह गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो कुछ ही घंटों में एक भी यूनिट रक्त नहीं बचेगा। रक्त संकट के कारण कई मरीजों को जीवनरक्षक उपचार प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई परिजन पिछले दो दिनों से रक्त की तलाश में ब्लड बैंक और निजी नर्सिंग होम के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है।
निजी ब्लड बैंकों में भी किल्लत
हजारीबाग के निजी ब्लड बैंकों में भी कमोबेश यही स्थिति है। सुबह से दो महिलाएं अपने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए ब्लड बैंक में रक्त का इंतजार कर रही थीं, लेकिन उन्हें अभी तक रक्त नहीं मिल पाया है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि रक्तदाता आगे नहीं आते हैं, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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