नई दिल्ली : BJP को सुप्रीम झटका लगा है। विगत 13 जुलाई को बिहार विधानसभा मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिका को भी नामंजूर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सीधे तौर पर कहा कि आप पहले आप पटना हाईकोर्ट जाएं। वहां याचिका दायर करें। उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता को आदेश देते हुए कहा कि आप पहले पटना हाईकोर्ट जाएं। वहां इस मामले में याचिका दायर करें। फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी। दरअसल, बीजेपी कार्यकर्ता भूपेश नारायण की ओरसे इस मामले में 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका दाखिल होने के बाद 25 जुलाई को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी।
याचिका में यह की गई थी मांग
बीजेपी कार्यकर्ता भूपेश नारायण की ओरसे इस याचिका में पूरे मामले की CBI या SIT से जांच की मांग की गई है। साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस मामले में पक्षकार बनाया है। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। इसके बाद इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से ही इनकार कर दिया।
पटना में लाठीचार्ज से बीजेपी कार्यकर्ता की हुई थी मौत
विगत 13 जुलाई को बीजेपी नेता विधानसभा घेराव के लिए निकले थे। यह लोग तेजस्वी यादव से इस्तीफा, शिक्षकों की नियुक्त को लेकर विरोध प्रदर्शन और रोजगार के मुद्दे पर सरकार का घेराव कर रहे थे। इसी दौरान डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने इन लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में एक कद्दावर भाजपा नेता की मौत हो गई। भाजपा नेताओं का दावा है कि उनके नेता की मौत हो लाठीचार्ज में लगने वाली चोट से हो गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में मौत की वजह हार्टअटैक बताई गई है।
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