न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले में मारे गये लोगों को सोमवार को अमेरिका में आम लोगों और नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। अमेरिकी धरती पर हुए सबसे वीभत्स हमले की 22वीं बरसी पर लोग स्मारकों, सिटी हॉल, परिसरों और अन्य स्थानों पर एकत्र हुए और श्रद्धांलति अर्पित की। इस हमले में करीब 3,000 लोग मारे गये थे, जब आतंकवादियों ने विमानों का अपहरण का उन्हें न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो गगनचुंबी इमारतों से टकरा दिया था। एक अन्य विमान वॉशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर स्थित अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन से टकराया गया था, जबकि चौथा विमान पेन्सिलवानिया के शेंक्सविले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
22 साल पहले अमेरिका बना था इस आतंकी हमले का शिकार
लोअर मैनहट्टन में 9/11 स्मारक एवं संग्रहालय स्थल पर एक समारोह के दौरान इस हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई, जहां कभी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर खड़े थे। ठीक उसी समय घंटियां बजीं और कुछ देर मौन रखा गया, जब 22 साल पहले अमेरिका आतंकी हमले का शिकार बना था।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा- उस पल को कभी भूल नहीं सकते
राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘एक्स’ पर कहा कि आज हम 9/11 को हमसे छीन ली गईं 2,977 बहुमूल्य जिंदगियों को याद करते हैं। 22 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका की कहानी ही बदल गई थी। लेकिन, जो नहीं बदल सका और नहीं बदलेगा वह है इस राष्ट्र का चरित्र। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिका 22 साल पहले ग्राउंड जीरो, शैंक्सविले और पेंटागन में खोई 2,977 जिंदगियों को कभी नहीं भूलेगा।
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अमेरिका में भारत के राजदूत ने भी दी श्रद्धांजलि
न्यूयॉर्क में स्मारक समारोह में रिश्तेदारों और दोस्तों ने आतंकवादी हमलों में मारे गये सभी 2,977 लोगों के नाम पढ़े और उन्हें श्रद्धांजलि दी, जिससे यह संदेश गया कि इन लोगों को कभी नहीं भुलाया जायेगा। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ‘एक्स’ पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 9/11 हमें आज भी उस खतरे की याद दिलाता है जो आतंकवाद ने दुनिया के लिए पैदा किया है। भारत और अमेरिका इस खतरे से लड़ने के संकल्प में एकजुट हैं।