सेंट्रल डेस्क। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार सुबह दिल्ली के चाणक्यपुरी में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। अधिकारी की पहचान जितेंद्र रावत के रूप में हुई है। खबर है कि वे डिप्रेशन के शिकार थे और उनका इलाज चल रहा था। रावत ने विदेश मंत्रालय की आवासीय सोसाइटी में स्थित अपने आवासीय भवन की छत से सुबह करीब छह बजे छलांग लगा दी।
मां के साथ रहते थे रावत, पत्नी-बच्चे देहरादून में
जितेंद्र रावत अपनी मां के साथ इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे। उनकी पत्नी और दो बच्चे देहरादून में रहते हैं। दिल्ली पुलिस के एक सूत्र के मुताबिक, “रावत पिछले कुछ दिनों से परेशान थे। हालांकि मौके पर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस घटना के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर अधिकारी के निधन की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का 07 मार्च, 2025 की सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया। मंत्रालय परिवार को सभी संभव सहायता प्रदान कर रहा है और दिल्ली पुलिस के संपर्क में है। मंत्रालय इस दुख और कठिनाई के समय में परिवार के साथ खड़ा है। बयान में यह भी कहा गया कि इस मामले में आगे की जानकारी जारी नहीं की जा रही है, क्योंकि इस शोक के समय में परिवार की गोपनीयता का सम्मान करना आवश्यक है।
क्या होता है डिप्रेशन
अवसाद एक मनोवैज्ञानिक विकार है, जिससे पीड़ित व्यक्ति हर वक्त उदास और अकेला महसूस करता है। इस अवस्था में सेल्फ वैल्युएशन में गिरावट, आत्म-आलोचना में वृद्धि और हार मानने की इच्छा की भावना शामिल है। इन लक्षणों वाले लोगों में नैदानिक अवसाद नहीं होता है।
नैदानिक रूप से निदान नैदानिक अवसाद दो प्रकार के होते हैं:
- विशेषज्ञों के अनुसार उदासीन अवसाद के आनुवंशिक कारण हो सकते हैं।
- गैर-उदासीन अवसाद पर्यावरणीय कारकों के कारण होता है, जो अक्सर महत्वपूर्ण जीवन की घटनाओं से शुरू होता है और आत्म-मूल्य में गिरावट का कारण बनता है।