बेंगलुरु : अभिनेत्री रान्या राव (Actress Ranya Rao) से जुड़े सोना तस्करी गिरोह (Gold Smuggling Gang) में एक बड़ा खुलासा हुआ है। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने अदालत में बताया कि कर्नाटक पुलिस के एक प्रोटोकॉल अधिकारी (Karnataka State Police Protocol Officer) का इस्तेमाल सोना तस्करी में किया गया। डीआरआई के अनुसार, यह गिरोह काफी संगठित और परिष्कृत था, जिसमें राज्य पुलिस अधिकारियों का भी सहयोग लिया गया। इस मामले में रान्या राव के खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिनमें हवाला लेन-देन और अंतरराष्ट्रीय तस्करी भी शामिल है।
27 बार दुबई यात्रा और हवाला लेन-देन का खुलासा
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ डीआरआई ने इस मामले की गहरी जांच की है। डीआरआई ने अदालत में बताया कि रान्या राव इस साल जनवरी से लेकर अब तक 27 बार दुबई यात्रा कर चुकी हैं। रान्या, जो कि डीजीपी रैंक के अधिकारी के रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं, कथित तौर पर भारतीय धन को दुबई में सोना खरीदने के लिए हवाला के माध्यम से भेजती थीं। डीआरआई ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रोटोकॉल अधिकारी का इस्तेमाल तस्करी के लिए सुरक्षा से बचने के लिए किया गया था।
जमानत याचिका खारिज, अदालत ने माना गंभीर अपराध
डीआरआई की दलीलें सुनने के बाद, विशेष अदालत के न्यायाधीश विश्वनाथ सी. गौड़र ने शुक्रवार को रान्या की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि रान्या के पास दुबई का निवासी पहचान पत्र होने और 27 बार दुबई यात्रा करने का रिकॉर्ड है, जो जमानत के लिए एक बड़ा कारण था। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में कथित अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है, जिसमें सात साल तक के कारावास का प्रावधान है।
बड़ी तस्करी और जब्ती के बाद मामले ने तूल पकड़ा
3 मार्च को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रान्या राव से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद हुआ था। इसके बाद उनके आवास की तलाशी ली गई, जिसमें 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए गए। रान्या के खिलाफ जांच अभी जारी है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भी शामिल हैं।