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Adani Group : अडानी ग्रुप का आया पहला बयान : ‘अमेरिका में लगाए गए आरोप निराधार, कोर्ट में होगा असली फैसला’

अडानी ग्रुप ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि यह आरोप सिर्फ आरोप हैं, और अमेरिकी न्याय विभाग खुद इस बात को मानता है कि जब तक किसी व्यक्ति को दोषी साबित नहीं किया जाता, तब तक उसे निर्दोष माना जाएगा।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: अडानी ग्रुप पर अमेरिका में आरोपों की झड़ी लगने के बाद, अब अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपना पक्ष स्पष्ट किया है। ग्रुप ने कहा है कि अमेरिका में लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं और इन आरोपों पर अंतिम फैसला अदालत में ही होगा। अडानी ग्रुप की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि जब तक किसी को दोषी साबित नहीं किया जाता, तब तक उसे निर्दोष माना जाता है। साथ ही, ग्रुप ने यह भी कहा कि वह सभी कानूनी उपायों का पालन करते हुए इन आरोपों का मुकाबला करेगा और अपने शेयरहोल्डर्स को पूरा भरोसा दिलाता है।

शेयरहोल्डर्स को दिया भरोसा

अडानी ग्रुप ने अपने बयान में यह साफ किया कि यह आरोप सिर्फ आरोप हैं, और अमेरिकी न्याय विभाग खुद इस बात को मानता है कि जब तक किसी व्यक्ति को दोषी साबित नहीं किया जाता, तब तक उसे निर्दोष माना जाएगा। ग्रुप ने कहा कि वह हमेशा पारदर्शिता बनाए रखने और सभी कानूनी नियमों का पालन करने में विश्वास करता है। बयान में यह भी कहा गया कि अडानी ग्रुप अपने शेयरहोल्डर्स, कर्मचारियों और पार्टनर्स को आश्वस्त करता है कि वह हमेशा एक कानूनी तरीके से काम करता रहेगा और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करेगा।

गौतम अडानी पर क्या हैं आरोप?

गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देकर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से पैसे जुटाए। आरोप यह भी है कि इस रिश्वत का इस्तेमाल सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़े एक बड़े कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए किया गया। अमेरिकी अभियोजकों का दावा है कि अडानी ग्रीन एनर्जी के अधिकारियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए सहमति जताई थी, ताकि वे यह कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर सकें।

अमेरिका में सख्त जांच

अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों को गुमराह करते हुए 2021 में बॉन्ड पेश किए। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने सरकारी अधिकारियों से रिश्वत के बदले अरबों डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा, यह भी दावा किया गया कि गौतम अडानी ने व्यक्तिगत रूप से सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी, ताकि इस रिश्वतखोरी को अंजाम दिया जा सके।

शेयर बाजार में गिरावट

अमेरिका में लगे आरोपों का असर अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर साफ दिखा। खबर फैलने के बाद, अडानी ग्रुप की लगभग सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, और अडानी पावर जैसी कंपनियों के शेयरों में 10% से लेकर 20% तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे ग्रुप को एक ही दिन में 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

किस प्रोजेक्ट पर है जांच?

अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि अडानी ग्रीन एनर्जी ने राज्य स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सोलर एनर्जी के लिए एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था। हालांकि, SECI को भारतीय बाजार में खरीदार नहीं मिल रहे थे, जिससे यह सौदा आगे बढ़ने में मुश्किलें आ रही थीं। इस स्थिति से निपटने के लिए अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई, और इस सबको छिपाने के लिए कोड नेम का इस्तेमाल किया गया।

अडानी ग्रुप की ओर से जारी बयान में यह स्पष्ट किया गया कि सभी आरोप निराधार हैं और अदालत में इन आरोपों का सही निपटारा होगा। अडानी ग्रुप ने अपने सभी शेयरहोल्डर्स को भरोसा दिलाया कि कंपनी पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर काम कर रही है और इस तरह के आरोपों का वह मजबूती से सामना करेगा।

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