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Tata Steel Economic Blockade : मैराथन वार्ता के बाद Tata Steel के खदान में चार दिन से जारी आर्थिक खत्म

by Anand Mishra
After marathon talks, economic collapse continues in Tata Steel mine for four days
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  • श्रम आयुक्त (केंद्रीय) की उपस्थिति में चाईबासा में टाटा स्टील प्रबंधन और मजदूर यूनियन के बीच ऐतिहासिक वार्ता

चाईबासा : टाटा स्टील की विजय-टू लौह अयस्क खदान में 23 दिसंबर से जारी आर्थिक नाकेबंदी आखिरकार समाप्त हो गई। यह नाकेबंदी झारखंड मजदूर यूनियन द्वारा 14 सूत्री मांगों को लेकर की गई थी। रविवार को सहायक श्रम आयुक्त (केंद्रीय) सर्वेश कुमार के कार्यालय में लगभग 10 घंटे लंबी बैठक के बाद यह आंदोलन समाप्त हो गया।

मजदूर यूनियन ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा की

बैठक में झारखंड मजदूर यूनियन के कोल्हान प्रमंडल उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद मोहंती, जिलाध्यक्ष आशीष कुमार कुदादा, महासचिव राजेंद्र चाम्पिया और अन्य प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। यूनियन नेताओं ने बैठक के बाद बताया कि कंपनी प्रबंधन के साथ सहमति बनने के बाद आंदोलन को वापस ले लिया गया है। 27 दिसंबर से खदान में उत्पादन और माल ढुलाई का कार्य सामान्य रूप से शुरू होगा।

मजदूरों की प्रमुख मांगें और सहमति

बैठक में मजदूरों की निम्नलिखित मांगों पर सहमति बनी:

बकाया ग्रेच्युटी का भुगतान: मजदूरों को उनका बकाया ग्रेच्युटी का पैसा दिया जाएगा।

बोनस का निपटान: 20% बोनस में से 8.33% का भुगतान किया गया है, बाकी बोनस राशि 14 जनवरी से पहले दी जाएगी।

धूल-कण भत्ता: मजदूरों को धूल-कण भत्ता का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

कैंटीन भत्ता: 50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से कैंटीन भत्ता का भुगतान होगा।

मेडिकल फिटनेस: अनफिट मजदूरों को मेडिकल फिट कराकर काम पर वापस लाने का निर्देश दिया गया।

सहायक श्रम आयुक्त ने इन मांगों को पूरा करने के लिए टाटा स्टील प्रबंधन को निर्देश दिया। हालांकि मजदूरों के स्थायीकरण के मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।

13 जनवरी को होगी पुनः समीक्षा बैठक

सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि इस वार्ता का सिलसिला अभी समाप्त नहीं हुआ है। मजदूर यूनियन की मांगों की समीक्षा के लिए 13 जनवरी को एक और बैठक आयोजित की जाएगी। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें 13 जनवरी तक पूरी नहीं होती हैं, तो वे 23 जनवरी से फिर से आर्थिक नाकेबंदी करेंगे।

प्रबंधन और यूनियन का सकारात्मक दृष्टिकोण

टाटा स्टील प्रबंधन के प्रतिनिधि हिमांशु बेहरा (एचआर, नोवामुंडी), अमूल्य रतन (एचआर, विजय-टू), और विवेक अग्रवाल (खान प्रबंधक) ने बैठक में भाग लिया। प्रबंधन ने मजदूरों की मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया और उनके निपटारे का भरोसा दिया।

सहायक श्रम आयुक्त सर्वेश कुमार ने बैठक को सकारात्मक करार देते हुए कहा, “यह वार्ता सभी पक्षों के लिए फायदेमंद रही। मजदूरों का आंदोलन समाप्त होना एक बड़ी उपलब्धि है।” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के लाभ और बोनस से जुड़े रिकॉर्ड की जांच की जाएगी।

आंदोलन के समाप्त होने से खदानों में कार्य शुरू

वार्ता के सफल समापन के बाद खदानों में कामकाज सामान्य रूप से शुरू होने की घोषणा कर दी गई है। मजदूरों के लिए यह एक बड़ी राहत है, और प्रबंधन ने भी विश्वास दिलाया है कि उनकी जायज मांगों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

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