चेन्नई : एआईएडीएमके (AIADMK) महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (Edappadi K. Palaniswami) ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी भाजपा (BJP) के साथ मिलकर तमिलनाडु में गठबंधन सरकार नहीं बनाएगी। यह बयान 2 मई को होने वाली पार्टी की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक से पहले आया है, जिससे राज्य की सियासत में हलचल मच गई है।
AIADMK BJP गठबंधन पर मतभेद गहराए
AIADMK के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई (M. Thambidurai) ने भी पलानीस्वामी के रुख को दोहराते हुए कहा कि पार्टी का स्टैंड स्पष्ट है और गठबंधन सरकार की कोई योजना नहीं है। यह बयान ऐसे समय आया है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 11 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की थी कि 2026 में तमिलनाडु में NDA गठबंधन सरकार एआईएडीएमके के नेतृत्व में बनेगी।
हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन को लेकर पार्टी के एक बड़े वर्ग में असंतोष है। खासकर गठबंधन सरकार की बात को लेकर नाराजगी जताई गई है, क्योंकि एआईएडीएमके और डीएमके (DMK) दोनों ही अब तक राज्य में गठबंधन सरकार के विचार का विरोध करते आए हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष, एग्जीक्यूटिव बैठक होगी चुनौतीपूर्ण
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पलानीस्वामी के लिए इस गठबंधन को कार्यकर्ताओं के बीच स्वीकार्य बनाना आसान नहीं होगा। कई जिला सचिव, विधायक, सांसद और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी इस बात से नाखुश हैं कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें भरोसे में लिए बिना यह फैसला किया।
पूर्व मंत्री सेल्लूर के. राजू (Sellur K. Raju) ने 13 मई को मीडिया से बातचीत में गठबंधन सरकार की अवधारणा पर असहमति जताई और कहा कि ‘भाजपा नेता कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय एआईएडीएमके का ही होगा’। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी नेतृत्व अब जिला स्तर के पदाधिकारियों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन ‘सम्मानजनक शर्तों’ पर हुआ है और गठबंधन सरकार की कोई बात नहीं मानी गई है।
AIADMK ने जारी किया ‘गैग ऑर्डर’, मीडिया में बयानबाजी पर रोक
गठबंधन को लेकर विवाद बढ़ते देख एआईएडीएमके मुख्यालय ने एक ‘गैग ऑर्डर’ जारी किया है। इसके तहत पार्टी के किसी भी पदाधिकारी को मीडिया, सोशल मीडिया या अन्य मंचों पर बिना अनुमति कोई भी बयान देने पर रोक लगा दी गई है। यह कदम पार्टी की एकजुटता बनाए रखने और विवादों से बचने के लिए उठाया गया है।
भाजपा की प्रतिक्रिया सीमित, शाह पर छोड़ा बयान देने का दायित्व
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की राज्य इकाई ने चुप्पी साध रखी है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि इस मसले पर केवल अमित शाह ही टिप्पणी करेंगे।
AIADMK-BJP गठबंधन पर संशय बरकरार
भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद AIADMK के शीर्ष नेतृत्व का गठबंधन सरकार से इनकार करना राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी हैरानी का विषय है। अब सबकी निगाहें 2 मई को होने वाली एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक पर टिकी हैं, जहां पार्टी की आगे की रणनीति तय होगी।