नई दिल्ली : एअर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ान AI 315, जो कि हांगकांग से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी, को तकनीकी खराबी के कारण बीच रास्ते से वापस हांगकांग लौटना पड़ा। यह घटना उस समय सामने आई जब विमान ने उड़ान भरने के कुछ समय बाद पायलट ने किसी संभावित तकनीकी गड़बड़ी की आशंका जताई।
पायलट ने दिखाई सतर्कता, विमान को सुरक्षित उतारा गया
विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था और इसने सोमवार सुबह हांगकांग से उड़ान भरी थी। उड़ान के दौरान पायलट को सिस्टम में तकनीकी खराबी का संकेत मिला, जिसके बाद मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत पायलट ने तुरंत विमान को मूल स्थान पर लौटाने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, विमान ने हांगकांग एयरपोर्ट पर सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग की और सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना के बाद विमान की विस्तृत तकनीकी जांच की जा रही है।
एअर इंडिया की ओर से अब तक नहीं आया आधिकारिक बयान
घटना के बाद यात्रियों को कुछ घंटों तक एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा। हालांकि, एअर इंडिया ने अब तक इस तकनीकी समस्या की प्रकृति या फ्लाइट के दोबारा संचालन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है।
अहमदाबाद विमान हादसे की पृष्ठभूमि में और बढ़ी चिंता
इस घटना ने कुछ ही दिन पहले हुए अहमदाबाद विमान हादसे की भयावह यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें 279 लोगों की मौत हो गई थी। वह दुर्घटना भी एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण हुई थी, जब फ्लाइट ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी और कुछ ही मिनटों में एक मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से टकराकर क्रैश हो गई थी। उस हादसे में 241 यात्री, 10 चालक दल, 2 पायलट और 5 मेडिकल छात्र मारे गए थे। इस भयावह दुर्घटना के बाद अब एक और तकनीकी गड़बड़ी ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या कहते हैं एविएशन एक्सपर्ट्स?
उड्डयन विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार सामने आ रही तकनीकी समस्याएं एयरलाइंस के रखरखाव प्रोटोकॉल और जांच प्रणाली पर सवाल उठाती हैं। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर तकनीकी दृष्टि से उन्नत विमान है, लेकिन यदि समय पर समुचित निरीक्षण और रखरखाव नहीं किया जाए, तो इससे यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।