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दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति: अगले 3-4 दिन राहत की उम्मीद नहीं, AQI 350 के पार

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। धीमी हवाओं और बढ़ते प्रदूषण के कारण राजधानी की हवा अब भी “बहुत खराब” श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 352 दर्ज किया गया है, जो एक दिन पहले के 334 से मामूली रूप से अधिक है। यह लगातार 13वां दिन है जब दिल्ली का AQI “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है। इस स्थिति के कारण दिल्लीवासियों को अगले कुछ दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।

प्रदूषण का कारण और मौसम की स्थिति

विशेषज्ञों के अनुसार इस समय प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ गया है क्योंकि हवा की गति बहुत धीमी है। सोमवार को हवा की गति लगभग 4-6 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रही, जो प्रदूषकों के फैलाव को और अधिक मुश्किल बना देती है। इसके कारण प्रदूषक हवा में फंसे हुए हैं और उनका फैलाव भी ठीक से नहीं हो पा रहा है। हालांकि, अगले तीन दिनों में हवा की गति में मामूली वृद्धि की संभावना जताई गई है, लेकिन गुरुवार तक AQI के “बहुत खराब” स्तर पर बने रहने की संभावना है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा और दोपहर में स्मॉग की स्थिति बनी रही। सुबह 7 बजे, सफदरजंग वेधशाला में विजिबिलिटी केवल 700 मीटर तक सीमित रही। IMD के मुताबिक, जब विजिबिलिटी 1,000 मीटर से कम और सापेक्ष आर्द्रता 75 प्रतिशत से अधिक होती है, तो उसे कोहरा कहा जाता है, जबकि सापेक्ष आर्द्रता 75 प्रतिशत से कम होने पर इसे स्मॉग कहा जाता है।

पराली जलाने की भूमिका में कमी

एक राहत की खबर यह है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी में कमी आई है। रविवार को पराली जलाने का योगदान 15.3 प्रतिशत था, जबकि पहले यह संख्या अधिक थी। हालांकि, पराली जलाने की भूमिका अभी भी दिल्ली के प्रदूषण में महत्वपूर्ण है, लेकिन यह घटते हुए आंकड़े भी एक सकारात्मक संकेत हैं। मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन दिनों तक हवा की दिशा मुख्य रूप से पूर्वी रहेगी, जिससे प्रदूषण का फैलाव कुछ हद तक कम हो सकता है।

दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके

गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इनमें प्रमुख रूप से जहांगीरपुरी, रोहिणी और वजीरपुर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में प्रदूषण के कारण हवा दमघोटू हो गई है और यहां रहने वालों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। अगले तीन से चार दिन तक इन क्षेत्रों में कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

दिल्ली में प्रदूषण की दीर्घकालिक समस्या

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ सालों से चिंता का विषय बना हुआ है। खासकर दिवाली के आसपास और सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर में अत्यधिक वृद्धि होती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। इस बार भी दिवाली के एक दिन पहले से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार यानी “बहुत खराब” श्रेणी में चला गया था। इससे पहले भी प्रदूषण में कुछ उतार-चढ़ाव हुआ, लेकिन कुल मिलाकर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।

इस प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार कदम उठा रहे हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर पाबंदी, वाहनों के प्रदूषण की जांच और पराली जलाने को रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना। फिर भी, प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर असर को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि दिल्लीवासियों को इस खतरे से निपटने के लिए और अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है और अगले कुछ दिनों में भी राहत मिलने की संभावना कम है। प्रदूषण के कारण राजधानी में सांस लेने में कठिनाई हो रही है और यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, कुछ उपायों से प्रदूषण में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। जब तक हवाओं की गति बढ़ती नहीं है और प्रदूषण के स्रोतों को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं किया जाता, तब तक दिल्लीवासी इसी प्रकार की खतरनाक वायु गुणवत्ता का सामना करते रहेंगे।

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