सेंट्रल डेस्क : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर ने एक बार फिर से लोगों की स्वास्थ्य चिंताओं को बढ़ा दिया है। मंगलवार को क्षेत्र में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) ने खतरनाक स्तर को पार कर लिया और कुछ इलाकों में AQI 500 तक पहुंच गया, जो ‘अति गंभीर’ माना जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से नोएडा, गाजियाबाद, और गुरुग्राम में विकराल हो गई है। सोमवार को भी इन शहरों में AQI का स्तर 500 से ऊपर था, जिससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ गई हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के कुछ प्रमुख इलाकों में AQI मंगलवार सुबह 500 तक पहुंच गया था। इनमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और अन्य इलाकों के AQI में अत्यधिक वृद्धि देखी गई। इस खतरनाक स्थिति ने दिल्लीवासियों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना कराया है।
इसके अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अपनी ऑफलाइन कक्षाएं 22 से 23 नवंबर तक बंद करने का फैसला लिया है। अब ये विश्वविद्यालय केवल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे। हालांकि, विश्वविद्यालयों ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा और साक्षात्कार के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की पहलें
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को देखते हुए इसे एक मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसके तहत, सभी संस्थानों से सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाने की अपील की गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी घोषणा की है कि कक्षा 10 और 12 के लिए ऑफलाइन कक्षाएं भी निलंबित रहेंगी और अब केवल ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
केंद्र सरकार ने प्रदूषण के प्रभावों से निपटने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इसमें वायु प्रदूषण से संबंधित उपायों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर भी जागरूकता फैलाने की सलाह दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले में दखल देते हुए, केंद्र और राज्य सरकारों से सख्त कदम उठाने की अपील की। कोर्ट ने सभी राज्यों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) के तहत प्रदूषण रोधी प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। इसके तहत प्रदूषण से बचने के लिए कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, जैसे कि डीजल वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी, निर्माण कार्यों पर रोक और ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) की प्रमुख पाबंदियां:
वाहनों पर प्रतिबंध : दिल्ली में बीएस-IV और उससे नीचे के डीजल वाहनों की आवाजाही पर सख्त पाबंदी है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को छूट दी गई है।
निर्माण कार्यों पर रोक: जैसे GRAP-3 में था, हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, और पावर ट्रांसमिशन से जुड़े निर्माण कार्यों पर भी पाबंदी है।
ऑफलाइन कक्षाओं की बंदी : स्कूल और कॉलेजों में कक्षाएं ऑनलाइन मोड पर चलने का आदेश दिया गया है।
ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी : दिल्ली में केवल जरूरी सामान और सेवाओं के लिए ट्रकों को प्रवेश की अनुमति होगी।
स्वास्थ्य के प्रति चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्रदूषण के खतरों से बचने के लिए घरों से बाहर न निकलें, खासकर बच्चों, बुजुर्गों, और सांस संबंधित बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर इस समय खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, और इससे निपटने के लिए सरकारें और शैक्षणिक संस्थान सख्त कदम उठा रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4 के तहत प्रदूषण रोधी उपायों की कड़ाई से निगरानी की जा रही है। हालांकि, नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित है।
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