

हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : झारखंड में 108 एंबुलेंस मरीजों को धोखा दे रही है। फोन करने पर कोई रिस्पोंस भी नहीं मिल रहा और मरीजों की तड़प-तड़प कर मौत हो रही। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिली और वह तड़प-तड़प कर मर गया। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। इसके बाद होमगार्ड के जवानों ने पहुंचकर मामले को शांत कराया।

क्या है मामला
बर्मामाइंस के गणेश गोप सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद एमजीएम अस्पताल पहुंचे थे। इसके बाद घटना की जानकारी उनकी बेटी गुड़िया गोप को भी हुई, तो वे लगभग 10.30 बजे अस्पताल पहुंची। इस दौरान डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रांची रिम्स रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन 108 एंबुलेंस को फोन करते रहे, लेकिन वह नहीं पहुंची। कभी एंबुलेंस खराब होने की बात कही गई, तो कभी उपलब्धता नहीं होने की बात कहीं गई और मरीज की मौत गुरुवार को लगभग 2.30 बजे हो गई।

न्यूरो के डॉक्टर नहीं होने के कारण हुई परेशानी
घायल के सिर में गंभीर चोट थी। इसे देखते हुए एमजीएम के डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद रांची रिम्स रेफर कर दिया। चूंकि, एमजीएम में एक भी न्यूरो के डॉक्टर नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

घायल के परिजन के पास नहीं थे पैसे
परिजनों ने बताया कि जब 108 एंबुलेंस नहीं आई, तो वे लोग घायल को निजी एंबुलेंस से रांची ले जाना चाह रहे थे, लेकिन उनके पास उतने पैसे नहीं थे कि ले जाएं। निजी एंबुलेंस चालकों से बात करने पर पांच हजार रुपये से अधिक की मांग की गई। मरीज की मौत होने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। वे बार-बार न्याय की गुहार लगा रहे थे। कह रहे थे कि गरीबों का कोई सुनने वाला नहीं है। इलाज के अभाव में मेरे पिता की मौत हो गई।
एमजीएम अधीक्षक से लिखित शिकायत
घटना की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता विमल बैठा भी एमजीएम अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पूरे मामले को समझा। इसके बाद परिजनों को लेकर अधीक्षक डॉ रवींद्र कुमार व उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी के पास लेकर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिजनों द्वारा लिखित शिकायत कराया, ताकि इस मामले की जांच हो और आरोपी पर सख्ती के साथ कार्रवाई हो सके।
भाजपा नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी
भाजपा नेता विमल बैठा ने कहा है कि एमजीएम अस्पताल में बार-बार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ लोगों के लापरवाही के कारण मरीजों की मौत हो रही है और जिम्मेदार खामोश है। ऐसे में मरीजों को न्याय दिलाने के लिए वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी 108 एंबुलेंस की लापरवाही सामने आ चुकी है। लेकिन उस मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो चिंता का विषय है।
दोषियों का बढ़ाया जा रहा मनोबल
कार्रवाई नहीं होने से दुखी विमल बैठा ने कहा कि यहां दोषियों पर कार्रवाई न करके उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है। अगर, इसी तरह की स्थिति बनी रही तो गरीब मरीजों की जान इसी तरह जाते रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराने की दावा करती है लेकिन हकीकत क्या है, इस किसी से छिपा हुआ नहीं है। विमल बैठा ने कहा कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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क्या कहते हैं एमजीएम अधीक्षक
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डा. रविंद्र कुमार ने कहा कि मरीज की स्थिति गंभीर थी। उसे रिम्स रेफर किया गया था लेकिन 108 एंबुलेंस किस कारण से नहीं पहुंच पाई यह गंभीर विषय है। इसका संचालन रांची से होता है। इस संदर्भ में जांच की जाएगी। ताकि उसके आधार पर कार्रवाई हो सके।
