सेंट्रल डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते जल विवाद का असर अब खाड़ी देशों में भी देखने को मिल रहा है। दुबई में काम करने गए एक भारतीय युवक को पाकिस्तानी सहकर्मियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि सिंधु जल संधि के निलंबन को लेकर पाकिस्तानियों ने भारतीय युवक को बदले की भावना से पानी नहीं दिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।
कहा – ‘भारत ने हमारा पानी रोका है’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड के काशीपुर निवासी युवक विशाल एजेंट समीर के माध्यम से रोज़गार के लिए दुबई गया था। वहां वह एक कार्यस्थल पर काम कर रहा था, जहां उसके सहकर्मी पाकिस्तान के निवासी थे। भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित किए जाने की खबर के बाद पाकिस्तानी सहकर्मियों ने विशाल को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
विशाल ने बताया कि पाकिस्तानी सहकर्मियों ने साफ तौर पर कहा,
“तुम्हारे देश ने हमारा पानी रोका है, अब तुम्हें भी पानी नहीं मिलेगा।”
इसके बाद उसे लगातार पानी से वंचित रखा गया, जिससे उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। दुबई की भीषण गर्मी में पानी न मिलना एक अमानवीय कृत्य साबित हुआ।
उत्तराखंड पुलिस की तत्परता से सुरक्षित घर वापसी
विशाल की पीड़ा की जानकारी जब उसके परिजनों को हुई, तो उन्होंने इसकी सूचना उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा को दी। एसएसपी ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू की। उन्होंने एजेंट समीर से संपर्क साधा और विशाल की स्थिति की जानकारी प्राप्त की।
इसके बाद पुलिस ने विशाल के लिए दुबई से भारत वापसी की प्रक्रिया शुरू की। उसके लिए पासपोर्ट व वापसी का टिकट तैयार करवाया गया। अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई और प्रयासों के चलते विशाल को सुरक्षित भारत लाया गया, जहां परिजन उसकी सकुशल वापसी पर बेहद भावुक नजर आए।
परिजनों ने जताया आभार
विशाल के माता-पिता व परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस, विशेष रूप से एसएसपी मणिकांत मिश्रा का आभार जताते हुए कहा कि यदि समय रहते उन्होंने हस्तक्षेप न किया होता, तो परिणाम गंभीर हो सकते थे।
सरकार से सुरक्षा की मांग
इस घटना के बाद देशभर में लोगों की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और इस प्रकार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए।


