माघ महीने की पावन मौनी अमावस्या इस वर्ष 29 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन सूर्य देव, चंद्रमा और बुध ग्रह मकर राशि में उपस्थित होकर त्रिवेणी योग का निर्माण कर रहे हैं। यह अमावस्या न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है।
मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखकर स्नान और दान करने से जीवन के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
स्नान और दान का महत्व
- इस दिन गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना पापों का नाश करता है और आरोग्य प्रदान करता है।
- घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त होता है।
- जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, अन्न, तिल, घी, और गुड़ का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए तिल और घी से बनी खीर गंगा में प्रवाहित करें। पितृ दोष से पीड़ित लोग तिल, तेल और वस्त्रों का दान जरूर करें।
भगवान शिव की पूजा से मिलेगा शुभ फल
मौनी अमावस्या के अवसर पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
- केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर स्वास्थ्य लाभ होता है।
- पंचामृत अभिषेक करने से आर्थिक संकट समाप्त होते हैं।
- नाग पूजन से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- संध्याकाल में घी का दीपक जलाकर तुलसी पूजन करें। इससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और जीवन में शांति आती है।
विशेष योग और पौराणिक महत्व
- मौनी अमावस्या पर श्रवण और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन नक्षत्रों में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- त्रिवेणी योग के साथ-साथ इस दिन शिववास योग भी बन रहा है, जो शाम 6:05 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस योग में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर मां गौरी के साथ विराजमान रहते हैं।
क्या न करें
- इस दिन तामसिक भोजन, दही और अन्य निषिद्ध चीजों का सेवन न करें।
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत, स्नान और दान से आत्मिक शुद्धि और पुण्य प्राप्ति होती है। यह दिन पितरों को तृप्त करने और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का सबसे उत्तम अवसर है। ऐसे में भक्तजन इस शुभ दिन का अधिकतम लाभ उठाकर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं।