कोलकाता : बंगाल की सरकार ने मौलवियों और पुजारियों पर दरियादिली दिखाई है। उनके भत्ते को लेकर ममता बनर्जी की सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार की ओर से सोमवार को मुस्लिम मौलवियों और हिंदू पुजारियों के मासिक भत्ते में 500 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री की ओर से की गई इस घोषणा के बाद अब राज्य में इमामों को 3000 और पंडितों को 1500 रुपये मासिक भत्ते के रूप में मिलेंगे।
इमामों व मुअज्जिनों के सम्मेलन में दी जानकारी
बंगाल की राजधानी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमामों (मुस्लिम मौलवियों) और मुअज्जिनों (जो दूसरों को नमाज के लिए बुलाते हैं) के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची थी। सम्मेलन में ही उन्होंने सरकार के इस फैसले की पुष्टि की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड इमामों और मुअज्जिनों को भत्ता देता था। हमारी सरकार की क्षमता सीमित है। मैं उनका मासिक भत्ता 500 रुपये बढ़ाने का अनुरोध करूंगी। हम पुरोहितों का मासिक भत्ता भी 500 रुपये बढ़ा रहे हैं। सरकार के इस फैसले के बाद अब इमामों को 3,000 रुपये और मुअज्जिनों को 1,500 रुपये मासिक भत्ता मिलेगा। वहीं, पुरोहितों को भी 1,500 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने के लिए नहीं है पैसा
बंगाल सरकार के वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम नहीं जानते कि सरकार इस बोझ को कैसे संभालेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे पास फंड का संकट है। राज्य सरकार के कर्मचारियों को उचित महंगाई भत्ता (डीए) देने के लिए सरकार तैयार नहीं है।
ममता ने भाजपा, सीपीआई व कांग्रेस पर लगाए कई आरोप
इस सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा, सीपीआई (मार्क्सवादी) और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि जाधवपुर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ छात्रों द्वारा रैगिंग के आरोपों के बीच प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत के लिए सीपीआई (एम) समर्थित संघ दोषी था। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए फंडिंग कर रही है। देश में समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए बहुत पैसा खर्च किया जा रहा है।