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Apara Ekadashi 2025: व्रत कथा, पूजन विधि, नियम, दान और आर्थिक समृद्धि के उपाय

अपरा एकादशी 2025 में क्या करें और क्या न करें? जानें व्रत कथा, व्रत कैसे करें, किसकी पूजा करें, क्या दान दें और तिजोरी में रखने वाले धनवर्धक उपाय। सम्पूर्ण जानकारी एक ही जगह।

by Neha Verma
Apara Ekadashi 2025
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Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और इस वर्ष यह शुभ दिन 23 मई 2025 को है। इसे ‘अचला एकादशी’ भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, दान, उपवास और पूजन से आर्थिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। आइए जानें व्रत की विधि, पूजन के नियम, क्या करें-क्या न करें, और तिजोरी में रखने योग्य चीजें।

अपरा एकादशी व्रत कथा (Apara Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय राजा महीधर ने घोर पाप करने के बाद इस एकादशी का व्रत रखा और उन्हें पापों से मुक्ति मिली। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस व्रत की महिमा बताते हुए कहा कि यह व्रत ब्रह्महत्या, चोरी, झूठ और पापकर्म से मुक्ति दिलाता है और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

व्रत कैसे करें? (Apara Ekadashi Vrat Kaise Karein)

  1. व्रत की पूर्व रात्रि को सात्विक भोजन कर संकल्प लें कि अगली सुबह उपवास रखेंगे।
  2. सुबह जल्दी उठें, स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  3. भगवान विष्णु की पूजा करें – तुलसी पत्र, पीले फूल, पीला वस्त्र, धूप-दीप, पंचामृत और प्रसाद चढ़ाएं।
  4. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
  5. दिनभर उपवास रखें – निर्जल, फलाहार या जलाहार व्रत अपनी श्रद्धा और क्षमता अनुसार करें।
  6. शाम को दोबारा पूजन करें और भजन-कीर्तन करें।
  7. द्वादशी के दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाकर व्रत का पारण करें।

किसकी करें पूजा? (Kiski Karein Pooja)

  • इस दिन भगवान विष्णु के वामन या त्रिविक्रम स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व है।
  • पूजा में शंख, चक्र और गदा वाले विष्णु स्वरूप को पुष्प, तुलसी, घी का दीप और प्रसाद चढ़ाएं।
  • चाहें तो शालिग्राम शिला या विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।

व्रत के नियम और कानून (Apara Ekadashi Vrat Niyam aur Kanuun)

अनिवार्य नियम:

  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • व्रत के दिन झूठ, चोरी, कटु वचन और क्रोध से बचें।
  • दिन में न सोएं और रात में जागरण करें।

वर्जित कार्य:

  • चावल, प्याज, लहसुन, मांसाहार और तामसिक भोजन न करें।
  • बाल कटवाना, नाखून काटना, झगड़ा करना, अपशब्द बोलना निषेध है।
  • अन्न, वस्त्र, जल से भरे कलश, छाता और चप्पल का दान करें।
  • शक्कर, दही, चावल जैसे सफेद वस्तुएं ब्राह्मण या गरीबों को दें।
  • पीतल के बर्तन, श्रीफल, और तुलसी का पौधा भी दान करना शुभ फल देता है।

घर की तिजोरी में रखें ये 3 चीजें (Aarthik Sthiti Sudharne ke Upay)

  1. पीली कौड़ी – लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
  2. हल्दी की गांठ – इसे पीले कपड़े में बांधकर रखें, धन में वृद्धि होती है।
  3. चांदी का सिक्का – यह स्थायी समृद्धि और शांति का प्रतीक है।

अपरा एकादशी का व्रत जीवन में पवित्रता, धन, सौभाग्य और मोक्ष की राह प्रशस्त करता है। विधिपूर्वक उपवास, पूजा, दान और नियमों का पालन करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से भी बहुत बड़ा है।

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