- उत्तर कोयल नहर परियोजना को मिली गति, डूब क्षेत्र के विस्थापितों को मिलेगा मुआवजा और जमीन
पलामू : बिहार और झारखंड के लाखों किसानों के लिए राहत की खबर है। उत्तर कोयल नहर परियोजना के अंतर्गत मंडल डैम से जल्द ही पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे सिंचाई की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान होगा। परियोजना के डूब क्षेत्र में रहने वाले 780 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया अब स्पष्ट हो गई है। सरकार ने प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवज़ा और एक एकड़ भूमि देने का निर्णय लिया है। यह मुआवजा दो किश्तों में दिया जाएगा – पहली किश्त में 10 लाख रुपये, जबकि दूसरी किश्त में 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
गढ़वा के बिश्रामपुर क्षेत्र में होगा पुनर्वास, मिलेगी मूलभूत सुविधाएं
विस्थापित परिवारों को झारखंड के गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के बिश्रामपुर में पुनर्वासित किया जाएगा। पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया कि आपसी समन्वय से मुआवजा राशि दी जाएगी और पुनर्वास स्थलों पर सरकार की ओर से सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
1972 से अधूरी परियोजना को मिल रहा जीवन, 2019 में हुआ था शिलान्यास
उत्तर कोयल परियोजना की शुरुआत 1972 में अविभाजित बिहार के दौरान हुई थी। लेकिन 1997-98 में नक्सली हमलों के कारण डैम का निर्माण कार्य रोक दिया गया था। इसके बाद 5 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अधूरी परियोजना को दोबारा शुरू करने का शिलान्यास किया।
हालांकि तय समयसीमा 2022 तक काम पूरा नहीं हो पाया, लेकिन अब विस्थापन से जुड़ी बड़ी बाधा समाप्त हो जाने के बाद डैम के गेट लगाने का कार्य शीघ्र आरंभ होने की उम्मीद है।
2891 करोड़ की लागत, सिंचाई के लिए होगा बड़ा विस्तार
शुरुआत में इस परियोजना की लागत 30 करोड़ रुपये तय की गई थी।
90 के दशक तक 769 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे।
2019 में केंद्र सरकार ने 2391 करोड़ रुपये मंजूर किए।
2023 में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
अब कुल लागत बढ़कर 2891 करोड़ रुपये हो चुकी है। परियोजना के पूर्ण होने पर:
बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों के 2,29,793 एकड़ क्षेत्र को,
झारखंड के 49,000 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
पर्यावरणीय चिंता : ऊंचाई घटाने और पेड़ कटाई पर रोक
मंडल डैम की वर्तमान ऊंचाई 367 मीटर है, लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व के निर्देश पर इसकी ऊंचाई 42 मीटर कम की जाएगी। पहले डैम निर्माण के लिए 3.44 लाख पेड़ काटने का प्रस्ताव था, लेकिन पर्यावरणीय संतुलन को देखते हुए पेड़ों की कटाई को फिलहाल टाल दिया गया है।
सांसद का बयान : मिलेगा राष्ट्रीय महत्व
पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम ने कहा कि यह देश की पहली परियोजना है जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने दो बार मुआवजे के लिए फंड स्वीकृत किया है। इस परियोजना के पूरा होते ही बिहार-झारखंड के कृषि क्षेत्र को स्थायी सिंचाई व्यवस्था मिलेगी।