जमशेदपुर। झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने कोल्हान क्षेत्र में एक बार फिर अपनी मजबूती साबित की है। पोटका विधानसभा सीट से झामुमो के विधायक संजीव सरदार ने भाजपा की उम्मीदवार मीरा मुंडा, जो पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी हैं, को 27,902 वोटो से हराकर राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी। इस हार ने न केवल भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं, बल्कि अर्जुन मुंडा जैसे दिग्गज नेता की साख को भी बड़ा झटका दिया है।
झामुमो के संजीव सरदार का बढ़ता कद
संजीव सरदार ने लगातार दूसरी बार इस महत्वपूर्ण आदिवासी बहुल सीट पर जीत दर्ज की है। पिछली बार उन्होंने भाजपा की मेनका सरदार को हराया था, और इस बार अर्जुन मुंडा जैसे कद्दावर नेता के साथ और मेहनत के बावजूद मीरा मुंडा को पटखनी दी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संजीव सरदार का प्रभाव क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है, खासकर भूमिज आदिवासी समुदाय के बीच उनकी मजबूत पकड़ ने उन्हें इस जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
मीरा मुंडा की हार और भाजपा के लिए झटका
भाजपा ने इस सीट पर अर्जुन मुंडा की प्रतिष्ठा दांव पर लगाई थी। महीनों तक कैंपेनिंग और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद मीरा मुंडा चुनाव जीतने में असफल रहीं। यह हार भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, जो कोल्हान क्षेत्र में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही थी।
मंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार बने संजीव सरदार
संजीव सरदार की इस जीत ने उन्हें झामुमो के भीतर एक मजबूत स्थिति में ला दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि झारखंड सरकार में उन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। कोल्हान क्षेत्र की यह सीट राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और झामुमो संजीव सरदार की बढ़ती लोकप्रियता का फायदा सरकार में लेना चाहती है।
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