रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले के बाद, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार करते हुए झारखंड में निरीक्षण दल भेजने की घोषणा की है। यह निर्णय असम में चाय बगानों की दुर्दशा का अध्ययन करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद लिया गया। हालांकि, सरमा ने स्पष्ट किया कि झारखंड में भेजे जाने वाले निरीक्षण दल की प्रकृति के बारे में फिलहाल अधिक जानकारी नहीं दी है।
गुवाहाटी में भाजपा की बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “हमारी कैबिनेट 5 दिसंबर को झारखंड के कुछ क्षेत्रों का दौरा करने के लिए निर्णय लेगी। हम वहां जाकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों की जांच करेंगे।” इस दौरे का मुख्य उद्देश्य झारखंड के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन करना है, जिनके बारे में असम सरकार ने जानकारी प्राप्त करने की योजना बनाई है।
इससे कुछ दिन पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम में चाय बगानों की हालत पर एक सर्वदलीय पैनल गठित करने का फैसला लिया था। यह पैनल असम में चाय बगान क्षेत्रों में फैले कुपोषण और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन करेगा। सोरेन का यह कदम असम के चाय श्रमिकों की स्थिति में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अगर कोई अन्य राज्य उनकी सरकार की देखभाल करने के लिए टीम भेजता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि असम सरकार झारखंड में दो प्रतिनिधिमंडल भेजेगी, जो कुछ विशिष्ट पहलुओं की जांच करेंगे। सरमा के अनुसार, ये प्रतिनिधिमंडल 2-3 महत्वपूर्ण मुद्दों पर फोकस करेगा, और वे अगले सप्ताह इन फैसलों को लागू करेंगे।
सरकारों के बीच इस प्रकार का निरीक्षण दल आदान-प्रदान सार्वजनिक हित में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित करेगा कि दोनों राज्यों के लोग, विशेषकर सामाजिक रूप से वंचित वर्ग, सरकारों की योजनाओं का लाभ सही तरीके से उठा सकें।