पटना : बिहार के औरंगाबाद जिले में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने इलाके में मातम फैला दिया है। रफीगंज शिवगंज पथ के फुलवरिया गांव के पास एक ट्रक और बाइक के बीच हुई भीषण टक्कर में दो युवकों की जान चली गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है। ये तीनों युवक दिवाली की खरीददारी के लिए निकले थे, लेकिन उनकी खुशी कुछ ही क्षणों में खत्म हो गई। मृत युवकों की पहचान कमलेश चौधरी (22 वर्ष) और राहुल कुमार (25 वर्ष) के रूप में हुई है।
कैसे हुई घटना
घटना उस समय हुई, जब तेज गति से आ रहा एक ट्रक बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल युवकों को स्थानीय निवासियों की मदद से रफीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। चिकित्सकों ने एक युवक को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।
कमलेश चौधरी सूरज चौधरी का बेटा था, जबकि राहुल कुमार मनोज पासवान का पुत्र था। तीसरा युवक गुंजन मेहता, श्यामाकांत मेहता का बेटा है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। गुंजन को प्राथमिक उपचार के बाद मगध मेडिकल कॉलेज गया भेजा गया है।
स्थानीय समुदाय का रुख
इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और उन्होंने रफीगंज-शिवगंज रोड को जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने मुआवजे की मांग भी की। आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझाने का प्रयास किया।
पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम खत्म किया। हालांकि यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है। ऐसे हादसे अक्सर तेज रफ्तार और लापरवाही से होते हैं जो न केवल परिवारों को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे समुदाय में भय का माहौल बनाते हैं।
सड़क सुरक्षा का महत्व
इस दुर्घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सड़क सुरक्षा कितना महत्वपूर्ण है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमों और जागरूकता की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि वह सड़क पर सुरक्षा उपायों को लागू करे, जैसे कि गति सीमा को नियंत्रित करना और वाहन चालकों को जिम्मेदार बनाना।
सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी के कारण लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। खासकर त्योहारों के दौरान जब सड़क पर यातायात बढ़ जाता है, तब सुरक्षा उपायों का पालन करना और भी आवश्यक हो जाता है।