स्टेट डेस्क, लखनऊ : देश-दुनिया में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं का वर्षों पुराना सपना पूरा होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पिछले पंद्रह दिनों से लगातार बैठकें की जा रही है।
इसके बाद मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की स्थापना की ऐतिहासिक तिथि की समय सीमा तय की गयी है। समिति ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रभु श्रीराम की मूर्ति की स्थापना के लिए आमंत्रित किया है। ट्रस्ट के महासचिव की ओर से बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से मनेगा। यह कार्यक्रम वर्ष 2024 में 15 जनवरी से 24 जनवरी के बीच आयोजित किया जा सकता है।
क्या है तैयारी
ट्रस्ट की योजना है कि भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम देश के हर गांव, हर मुहल्ले में आयोजित किया जाये। सभी जगहों पर इससे जुड़े बैनर, पोस्टर लगाये जायें। फिलहाल मंदिर में भूतल निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महोत्सव में शामिल होने का आग्रह किया गया है।
इससे पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ेगा। मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर में करीब 6000 से ज्यादा मूर्तियां बनायी जा रही हैं। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ हनुमान जी और गरुड़ जी की प्रतिमा स्थापित होगी। मंदिर के खंभों पर देवी-देवताओं की आकृतियां बनेंगी। किस पत्थर से कौन सी मूर्ति बनायी जायेगी। इसको लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है। अयोध्या का राम मंदिर 107 एकड़ में फैला है। 40 फुट जमीन में मंदिर की नींव बनायी गयी है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें सरिया का प्रयोग नहीं किया गया है।
Ayodhya Ram Mandir : हिंदू समाज ने लड़ी लंबी लड़ाई
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदू समाज ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। लोगों ने मंदिर के लिए अपने जान की कुर्बानी दी है। गोलियां खाईं हैं। वर्ष 2019 में 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला लिया। यह मुकदमा जिला अदालत, इलाहाबाद हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। लंबी प्रक्रिया के बाद कहीं जाकर यह दिन आया है।