Jamtara (Jharkhand): बंधन बैंक से जुड़े 2.5 करोड़ रुपये की साइबर ठगी मामले में शामिल एक शातिर अपराधी मुरारी मंडल को जामताड़ा के नामूपाड़ा मोहल्ले से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
इस गिरोह ने बंधन बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से 97 बैंक खातों के जरिए ठगी की रकम का ट्रांजेक्शन किया था। अब तक की जांच में सामने आया है कि गैंग का मुख्य सरगना समीर अब भी फरार है।
बंधन बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से रचा गया ठगी का जाल
कोलकाता साइबर अपराध शाखा के इंस्पेक्टर गौतम सरकार ने बताया कि गिरोह ने बंधन बैंक के अंदर बैठे कुछ अधिकारियों की मदद से खाताधारकों की गोपनीय जानकारी हासिल की और उसी आधार पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया। 23 जुलाई 2025 को बंधन बैंक के अधिकारी बसंत बंदानी की शिकायत पर कोलकाता के बिधान नगर थाने में केस दर्ज किया गया था।
जामताड़ा के शुभम कुमार समेत 5 बैंक अधिकारी पहले ही गिरफ्तार
पुलिस जांच में सामने आया कि इस गैंग में बंधन बैंक जामताड़ा शाखा के अधिकारी शुभम कुमार समेत पांच अधिकारी शामिल थे।
कोलकाता साइबर पुलिस ने 11 अगस्त को शुभम कुमार को ट्रांजिट रिमांड पर जामताड़ा से गिरफ्तार किया था।
आरोपितों में हजारीबाग, धनबाद, जामताड़ा और कोलकाता की विभिन्न शाखाओं के अधिकारी शामिल हैं — जिनमें मुख्य जोखिम अधिकारी (CRO) और सेल्स मैनेजर जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी भी हैं।
ग्राहकों की जानकारी बेचकर की ठगी
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार बैंक अधिकारी ग्राहकों की बैंक डिटेल साइबर ठगों को बेचते थे। वे ग्राहकों से बीमा पॉलिसी या फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने के नाम पर जानकारी मांगते, व्हाट्सएप या कॉल के जरिए KYC अधूरी होने की बात कहकर संवेदनशील जानकारी प्राप्त करते थे। इस तरह उन्होंने कई लोगों की गोपनीय बैंक डिटेल हासिल कर करोड़ों रुपये की ठगी की।
CRO और सेल्स मैनेजर की भूमिका पर सवाल
बैंक के CRO (Chief Risk Officer) का काम होता है बैंक को वित्तीय और परिचालन जोखिमों से बचाना, जबकि सेल्स मैनेजर का दायित्व राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्राहक संबंध और बिक्री रणनीतियां विकसित करना होता है। लेकिन, इस मामले में इन पदों पर बैठे अधिकारियों ने नैतिक जिम्मेदारी का उल्लंघन करते हुए ठगी में सीधी भागीदारी की।