सेंट्रल डेस्क : बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हालिया बढ़ते हुए सहयोग से दक्षिण एशिया में एक नया राजनीतिक और सामरिक समीकरण उभरने का संकेत मिल रहा है। शेख हसीना सरकार के गिरने और मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ‘अमन 2025’ सैन्य अभ्यास में बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ भाग लेना है, जो भारतीय सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा चिंता का विषय बन चुका है।
भारत की सुरक्षा चिंताएं
बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ बढ़ता सहयोग भारत के लिए एक गंभीर चिंता का कारण बन सकता है। भारत के पास पहले से ही पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्ते हैं, और बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना भारत की सुरक्षा नीति पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। पाकिस्तान का भारत के खिलाफ अपना रुख और सैन्य रणनीति दुनिया भर में जानी जाती है, ऐसे में बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ गठबंधन भारत के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करता है।
पाकिस्तान के अस्थिर गठबंधनों का इतिहास
पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय संबंधों का इतिहास हमेशा अस्थिर और अवसरवादी रहा है। अफगानिस्तान में पाकिस्तान का हस्तक्षेप और तालिबान के प्रति उसका समर्थन इसका एक प्रमुख उदाहरण है। 1990 के दशक में और फिर 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, पाकिस्तान ने तालिबान का साथ दिया, जिसका असर पाकिस्तान के अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवाद के रूप में सामने आया। पाकिस्तान की अस्थिर विदेश नीति और कूटनीतिक अति-महत्वाकांक्षाओं के कारण उसके अंतरराष्ट्रीय गठबंधन अक्सर अप्रत्याशित परिणामों का शिकार होते रहे हैं।
बांग्लादेश के लिए खतरे की घंटी
पाकिस्तान के साथ सहयोग से बांग्लादेश को अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान ने कई बार आतंकवादी नेटवर्क को अपनी सियासी लाभ के लिए पोषित किया है, जो अब बांग्लादेश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं। पाकिस्तान के साथ गठबंधन से बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा मिल सकता है, जो उसकी आंतरिक स्थिरता के लिए घातक हो सकते हैं। पाकिस्तान के साथ बढ़ता सैन्य सहयोग बांग्लादेश को एक ऐसे समीकरण में डाल सकता है, जहां वह आतंकवाद और अस्थिरता के साए में आ सकता है, जैसा कि पाकिस्तान ने कई बार अफगानिस्तान और कश्मीर में किया है।
बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति पर असर
हाल ही में बांग्लादेश ने अपनी अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि की है और उसे दक्षिण एशिया की एक प्रमुख आर्थिक ताकत के रूप में देखा जा रहा है। बांग्लादेश के विकास के इस रास्ते में पाकिस्तान से गठबंधन के जोखिम उसकी प्रगति को पटरी से उतार सकते हैं। पाकिस्तान के साथ गठबंधन के कारण बांग्लादेश को चीन और अमेरिका जैसे देशों के साथ अपनी कूटनीतिक स्थिति को भी संतुलित करना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, पाकिस्तान के साथ आर्थिक और सैन्य संबंधों में बढ़ोतरी से बांग्लादेश की वैश्विक प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है, जो उसकी विकास यात्रा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
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