BCI Action : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने अपने अभियान के तहत कानूनी क्षेत्र में शुचिता और व्यावसायिकता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वर्ष 2019 से 2024 के बीच बीसीआई ने दिल्ली में 107 फर्जी अधिवक्ताओं के नाम अपनी सूची से हटा दिए हैं। यह कार्रवाई बीसीआई द्वारा 26 अक्टूबर को जारी एक बयान के माध्यम से घोषित की गई।
फर्जी अधिवक्ताओं को हटाने की निर्णायक कार्रवाई
बीसीआई ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि यह कदम उन अधिवक्ताओं और व्यक्तियों के खिलाफ उठाया गया है जो कानूनी प्रैक्टिस के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। बीसीआई ने इसे जनता के विश्वास और कानूनी प्रणाली को अनैतिक गतिविधियों से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। बीसीआई के सचिव श्रीमंतो सेन ने कहा कि, “कानूनी समुदाय में शुचिता और व्यावसायिकता को बनाए रखने के लिए इस निर्णायक कार्रवाई के तहत अकेले दिल्ली में 107 फर्जी अधिवक्ताओं को हटाया गया है।”
शिक्षा और व्यावसायिक मानकों की गहन जांच के बाद की गई कार्रवाई
बीसीआई के बयान में कहा गया है कि यह निष्कासन वर्ष 2019 से लेकर 23 जून, 2023 तक की अवधि में बड़ी संख्या में फर्जी अधिवक्ताओं की साख और उनकी कानूनी प्रैक्टिस की गहन जांच के बाद किया गया है। यह कदम मुख्य रूप से उन मामलों में उठाया गया है जहां अधिवक्ताओं के प्रमाणपत्र जाली पाए गए या नामांकन के दौरान गलत जानकारी दी गई। इसके अलावा, उन अधिवक्ताओं के नाम भी सूची से हटा दिए गए हैं जो सक्रिय रूप से कानूनी प्रैक्टिस करने में विफल रहे और बार काउंसिल की सत्यापन प्रक्रियाओं का अनुपालन नहीं कर सके।
शुचिता बनाए रखने की कोशिश
बीसीआई ने अपने बयान में कहा कि इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य कानूनी क्षेत्र में अनैतिक प्रथाओं को समाप्त करना और अधिवक्ताओं में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना है। यह कदम कानूनी पेशे में उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ कानूनी पेशेवरों पर जनता के भरोसे को मजबूत करने का भी प्रयास है।
बीसीआई के इस अभियान को व्यापक सराहना मिल रही है, क्योंकि यह सुनिश्चित करने में मददगार होगा कि कानूनी क्षेत्र में केवल योग्य और सच्चे पेशेवर ही बने रहें।