कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मचे राजनीतिक घमासान के बीच पंचायत चुनाव के नतीजे भी आ गए हैं। नतीजों के हिसाब से टीएमसी की जीत हुई है। दूसरी ओर पंचायत चुनाव में हिंसा और धांधली की शिकायत पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि बंगाल पंचायत चुनाव के परिणाम हाईकोर्ट के अंतिम आदेश पर निर्भर करेंगे। संभावना जतायी जा रही है कि बंगाल चुनाव के नतीजे रद्द भी हो सकते हैं।
यह संभावना इसलिए जताई जा रही है क्योंकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि नतीजे इस संबंध में दायर की गई याचिकाओं के फैसले पर निर्भर करेंगे।
बंगाल पंचायत चुनाव परिणाम कीे घोषणा पर सुनवाई करने वाली कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस चुनाव में धांधली के आरोप लगाने वाली तीन याचिकाओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह कहा है कलकत्ता हाईकोर्ट ने
बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई कथित धांधली व हिंसा की घटनाओं के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर अदालत ने बताया कि चुनाव की अंतिम परिणाम कोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगा। हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव परिणाम की घोषणा रिट याचिका में पारित होने वाले आदेशो पर निर्भर करेगी। साथ ही अदालत ने आयोग को यह निर्देश भी जारी किया है कि जिन्हें चुनाव में विजेता घोषित किया गया है, उन उम्मीदवारों को भी इस बारे में जानकारी दे दी जाए।
50 हजार बूथों पर पुनः मतदान की है मांग
बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा व धांधली के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट में दायर की गई अलग-अलग याचिकाओं में 50 हजार बूथों पर पुनः मतदान कराने की मांग की गई है। बता दें कि बंगाल पंचायत चुनाव 8 जुलाई को सम्पन्न हुआ था। वहीं चुनाव के परिणाम 11 जुलाई को घोशित किए गए।
परिणाम घोषित होने के बाद भी नहीं रुक रही हिंसा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि पंचायत चुनाव के बाद अबतक हिंसा की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। अदालत ने कहा है कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी जनता को सुरक्षा प्रदान करे। कोर्ट ने इसे गंभीर विशय माना है।
इस सबंध में सुनवाई कर रही कोर्ट को एक याचिकाकर्ता ने चुनाव के दिन धांधली से जुड़ा एक वीडियो भी दिखाया। अदालत ने निर्देश दिया कि इस सबंध में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
एसईसी 24 जुलाई तक दाखिल करे अपना जवाब
अदालत ने बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा और धांधली मामले में एसईसी का 24 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्य न्यायधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्या की खंडपीठ ने राज्य सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार हिंसा को रोकने में विफल है। दूसरी ओर पीठ ने 18 जुलाई तक एसईसी, राज्य और केंद्र को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।