सेंट्रल डेस्क : अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। सभी तैयारियां अपने चरम पर हैं। महंगाई से लेकर लोकतंत्र और गर्भपात के अधिकार तक, हर मुद्दे पर उम्मीदवार वोट मांग रहे हैं। इसी अमेरिकी चुनाव के बीच हम भारतीयों के लिए एक गर्व भरी खबर आई है। करीब 200 भाषाओं को पछाड़कर बांग्ला भाषा ने अमेरिका के चुनाव में अपनी जगह बनाई है।
मतपत्र पर बांग्ला भाषा में उम्मीदवारों के नाम
अमेरिका के बोर्ड ऑफ इलेक्शन एनवाईसी के कार्यकारी निदेशक माइकल जेर यान ने बताया कि बैलेट पेपर पर इंग्लिश के अलावा चार अन्य भाषाओं को भी शामिल किया गया है, जिसमें चीनी, स्पेनिश, कोरियाई और बांग्ला भाषा है। इस चुनाव में भारत की धमक पहले से ही झूम रही है। ऐसे में मतपत्र पर उम्मीदवारों के नाम बांग्ला भाषा में होना, भारतीयों के लिए गर्व करने की बात है।
मुकदमे के बाद शामिल हो पाई बंगाली
नगर नियोजन विभाग की खबर के अनुसार, न्यूयॉर्क में 200 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन चुनाव में बैलेट पेपर पर चार भाषाएं ही जगह बना पाईं। एनवाईसी के कार्यकारी निदेशक माइकल ने बताया कि बांग्ला भाषा को भी मुकदमे के बाद चुना गया। मुकदमे में जनसंख्या के घनत्व को देखते हुए देश में एशियाई भारतीय भाषाओं को शामिल करने की मांग की गई थी। इसके बाद ही बांग्ला भाषा पर सहमति बन पाई।
पहली बार 2013 में बांग्ला भाषा का हुआ था इस्तेमाल
मुकदमे के बाद ही सरकार ने मतदान अधिकार अधिनियम के तहत दक्षिण एशियाई अल्पसंख्यकों को सहायता देने के लिए बांग्ला भाषा को मतपत्र में शामिल करने की हामी भरी। माइकल ने बताया कि न्यूयॉर्क के क्वींस इलाके में पहली बार 2013 में बंगाली में अनुवादित मतपत्र मिले थे। आगे उन्होंने बताया कि बंगाली भाषा को शामिल करना केवल शिष्टाचार नहीं है, बल्कि कानूनी जरूरत भी है। कानून के अनुसार, न्यूयॉर्क के कुछ शहरों में बंगाली में मतदान सामग्री उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इससे बंगाली बोलने और समझने वालों को मदद मिलेगी।
भारतीयों को मिलेगी मदद
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवॉयर पर एक सेल्स एजेंट के तौर पर काम करने वाले सुदेश ने बताया कि भारतीय समुदाय को सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि लोग इंग्लिश जानते हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा में संवाद करना आसान होता है। इस फैसले से मतदान केंद्र पर मदद मिलेगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अविनाश गुप्ता ने कहा कि इस निर्णय से भारतीय समुदाय को मदद मिलेगी। इससे हम अपनी आवाज बुलंग कर सकेंगे। यहां हमारी आबादी बहुत बड़ी है।