सेंट्रल डेस्क : सोमवार रात 10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) को सफलता पूर्वक लॉन्च किया। इसे पीएसएलवी-सी60 से रवाना किया गया। यह इसरो की अंतरिक्ष में ऐतिहासकि छलांग है।
वर्ष 2024 के अपने आखिरी मिशन की सफलता के साथ ही भारत दुनिया के चुनिंदा देशों अमेरिका, रूस और चीन के विशेष क्लब में शामिल हो गया है।
इसकी कामयाबी भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना और चंद्रयान-4 जैसे मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए बेहद अहम है। गौरतलब है कि पहले स्पैडेक्स का लॉन्च सोमवार रात 9:58 बजे होना था, लेकिन बाद में इसरो ने इसे रात 10 बजे के लिए टाल दिया था। हालांकि, इसके पीछे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।

पीएसएलवी परियोजना की पूरी टीम को बधाई- इसरो प्रमुख
इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, मैं स्पैडेक्स मिशन के लिए पीएसएलवी-सी60 के सफल लॉन्च की घोषणा करता हूं। रॉकेट ने उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित किया है। पीएसएलवी परियोजना की पूरी टीम को बधाई, जिन्होंने उपग्रहों सही कक्षा में पहुंचाया। साथ ही, स्पैडेक्स टीम को भी बधाई, जिन्होंने दो छोटे उपग्रहों का डिजाइन करके एक नए और सस्ते डॉकिंग मिशन पर काम किया।
मिशन के फायदे
मिशन की सफलता भारत के खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और चंद्रयान-4 जैसे मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए अहम है। यह उपग्रह की मरम्मत, ईंधन भरने, मलबे को हटाने व अन्य प्रयोगाें के लिए आधार तैयार करेगा।