पटना : बिहार के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत बिजली दरों में कटौती का एलान किया है। अब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी। खास बात यह है कि जिन उपभोक्ताओं से अप्रैल माह में पुरानी दरों पर बिल वसूला गया है, उन्हें मई में बैलेंस क्रेडिट के जरिए पैसा वापस किया जाएगा।
Bihar Electricity Bill Update : स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के तहत 15,995 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 652 करोड़ रुपये अधिक है। इसके बाद बिजली की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। इस फैसले से पटना के लगभग 6.22 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं समेत राज्य के 67 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
Electricity Subsidy Bihar : अप्रैल के बिल में ली गई राशि मई में होगी वापस
बिजली कंपनियों ने अप्रैल माह में उपभोक्ताओं से पुरानी दरों के अनुसार बिल वसूली की थी। चूंकि अप्रैल में खपत हुई बिजली का बिल मई में आता है, इसलिए मई माह में बिल में बैलेंस क्रेडिट के रूप में उपभोक्ताओं को अतिरिक्त वसूली गई राशि वापस की जाएगी।
Bihar Rural Electricity Rate : ग्रामीण उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
50 यूनिट तक की खपत पर पहले 7.42 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान होता था, जिसमें 5.45 रुपये की सब्सिडी मिलती थी। अब यह दर घटकर 1.97 रुपये प्रति यूनिट हो गई है।
50 यूनिट से अधिक की खपत पर पहले 7.96 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान होता था, जिसमें 4.97 रुपये की सब्सिडी मिलती थी। अब उपभोक्ताओं को केवल 2.45 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। इस प्रकार उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 54 पैसे तक की राहत मिलेगी।
Postpaid Meter Users Bihar : इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
पटना में अब भी 1.16 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके यहां पोस्टपेड मीटर लगे हैं। इन्हें इस योजना का सीधा लाभ फिलहाल नहीं मिलेगा। हालांकि, सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया को तेज करने का आश्वासन दिया है, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके।
Bihar Bijli Bill : सरकार का उद्देश्य सस्ती बिजली उपलब्ध कराना
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि राज्य सरकार सस्ती बिजली देने के अपने वादे को लगातार निभा रही है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए बिजली दरों में कटौती जैसे अहम निर्णय लिए जा रहे हैं।