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जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र की बिहार-झारखंड प्रांत की बैठक आयोजित

by Rohit Kumar
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जमशेदपुर / रांची : जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र की बिहार-झारखंड प्रांत की बैठक हाल ही में गूगल मीट के माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की वर्तमान परिस्थितियों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय सचिव रंजन उपस्थित थे।

धारा 370 और 35A के बाद जम्मू-कश्मीर में बदलाव


रंजन ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य दर्जे से संबंधित धारा 370 और 35A को हटाने के बाद हुए परिवर्तनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन संवैधानिक प्रावधानों के हटने के बाद भारत के संविधान का जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से लागू किया गया है। एक संविधान, एक विधान के लक्ष्य को हासिल किया गया है और अब जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हो चुकी है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत के संविधान के लागू होने से अब वहाँ के वंचित वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव भी हुए हैं, और अब वहाँ की सरकार, जो जनता द्वारा चुनी गई है, केंद्र सरकार की योजनाओं को सही तरीके से लागू कर रही है।

धारा 370 और 35A को बहाल करने का प्रस्ताव बेबुनियाद


बैठक में रंजन ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में पेश किए गए धारा 370 और 35A को पुनः बहाल करने के प्रस्ताव को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव केवल अलगाववादी विचारधारा के लोगों को खुश करने के लिए लाया गया है। धारा 370 और 35A को भारतीय संसद द्वारा संवैधानिक तरीके से हटाया गया है, और राज्य सरकार इसे किसी भी हालत में बहाल नहीं कर सकती।

पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर पर उठेगा सच


बैठक में आगामी दिनों में पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए जम्मू-कश्मीर के हिस्से और उस पर देश की सही स्थिति को सार्वजनिक करने की योजना बनाई गई है। यह जानकारी सभी नागरिकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर साझा की जाएगी।

बैठक में ये हुए शामिल


इस बैठक में जमशेदपुर से अधिवक्ता प्रभात शंकर तिवारी, रौशन कुमार, रिंकू तिवारी, धनबाद से बिहार-झारखंड के संयोजक डॉ. वीरेंद्र जी, रांची से अयोध्या नाथ मिश्र जी सहित कई अन्य सदस्य शामिल हुए और उन्होंने जम्मू-कश्मीर के वर्तमान हालात पर अपने विचार साझा किये।

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