पटना: Bihar Politics: बिहार में नीतीश के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद भी यह विषय चर्चा में बना हुआ है कि आखिर राजद व जदयू के बीच गठबंधन टूटने के पीछे वास्तविक कारण क्या रहे। बिहार विधानसभा में बुधवार को जेडीयू ने बताया कि नीतीश कुमार ने क्यों राजद से गठबंधन तोड़ा था।
Bihar Politics – जल संसाधन विभाग के बजट पर चल रही थी बहस
बिहार विधानसभा के सदन में बुधवार को जल संसाधन विभाग के बजट पर बहस हो रही थी। राजद की ओर से बोलने के लिए खडे हुए पूर्व मंत्री चंद्रशेखर शिक्षा विभाग पर बोलने लगे। चंद्रशेखर बिहार में हुई शिक्षक बहाली को अपनी और तेजस्वी यादव की उपलब्धि करार देने में लगे रहे। इसके बाद सरकार की ओर से विजय चौधरी ने उन्हें जवाब दिया। विजय चौधरी ने कहा-सारा काम नीतीश कुमार का है औऱ राजद के लोग गलत तरीके से श्रेय ले रहे थे। इसलिए तो जेडीयू को राजद से गठबंधन तोड़ना पड़ा।
Bihar Politics – श्रेय लेने की होड़ बना गठबंधन टूटने का बड़ा कारण : चौधरी
मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा शिक्षा विभाग ही नहीं बल्कि दूसरे विभागों में अगर बहाली हुई तो ये नीतीश कुमार के विजन के तहत हुआ। लेकिन राजद के नेता बिना कुछ किये बहाली का श्रेय लेने की होड़ में लगे रहे। जेडीयू का राजद से गठबंधन टूटने का यही सबसे बड़ा कारण बना। विजय चौधरी ने कहा कि अभी भी राजद नेता गलत दावे कर ये भ्रम पैदा करने में लगे हैं कि बहाली उनके कारण ही हुई है। जबकि ये सब जानते हैं कि नियुक्ति की सारी परिकल्पना मुख्यमंत्री की है।
Bihar Politics – राजद कोटे के मंत्री के दफ्तर जाना बंद करने के बाद शुरू हुई प्रक्रिया
विजय चौधरी ने कहा कि जब वे शिक्षा मंत्री थे तो सातवें चरण की शिक्षक बहाली को रोका गया था। उसी समय मुख्यमंत्री के निर्देश पर ये तय हो गया था कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की बहाली के लिए बीपीएससी के जरिये नियुक्ति की जायेगी। अब राजद नेता बहाली का श्रेय ले रहे हैं। हकीकत ये है कि जब राजद के शिक्षा मंत्री थे तो हमेशा नियुक्ति में कोई न कोई अड़चन आती रही। जब राजद कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दफ्तर जाना बंद कर दिया तभी बहाली की प्रक्रिया शुरू हो पायी।
Bihar Politics – विधानसभा में क्यों छिड़ी बहस
दरअसल, जल संसाधन विभाग के बजट पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया था कि उन्होंने ही सुझाव दिया था कि बीपीएससी से शिक्षकों की बहाली हो। चंद्रशेखर ने कहा कि जब शिक्षक बहाली का विज्ञापन प्रकाशित हुआ उस समय मौजूदा अपर मुख्य सचिव विभाग में आए भी नहीं थे। चंद्रशेखर ने दावा किया कि उन्होंने ही नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का सुझाव दिया था। शिक्षक नियुक्ति में डोमिासइल नीति लागू करने को कहा था।
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