नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के 8वें सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामे के साथ हुई। इस सत्र के दौरान विपक्ष की नेता आतिशी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मुख्यमंत्री कार्यालय से शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब आंबेडकर की फोटो हटा दी हैं। आतिशी ने इसे भाजपा की “दलित विरोधी मानसिकता” करार दिया और कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, तब से इन महापुरुषों की फोटो हटाई गई हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कदम भाजपा की दलित और सिख विरोधी विचारधारा को प्रदर्शित करता है।
प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली ने की कार्यवाही की शुरुआत
विधानसभा में हंगामे के बीच कार्यवाही की शुरुआत प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली ने की। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ली, और उसके बाद नवनिर्वाचित विधायकों ने भी शपथ ग्रहण की। इस दौरान, विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया, जिसके बाद कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
आतिशी द्वारा लगाए गए आरोप के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जबकि भाजपा विधायकों ने भी इसका जवाब दिया। इस दौरान, आप विधायक अनिल झा ने धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण नहीं दिया।
केजरीवाल ने की भाजपा से अपील
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि दिल्ली भाजपा सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर की फोटो हटा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगा दी है। उन्होंने इसे गलत करार दिया और कहा कि इससे बाबा साहेब के करोड़ों अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। केजरीवाल ने भाजपा से अपील की कि वे प्रधानमंत्री मोदी की फोटो लगा सकते हैं, लेकिन बाबा साहेब की फोटो तो हटानी नहीं चाहिए।
इसके जवाब में, दिल्ली भाजपा ने अपने एक्स अकाउंट पर एक फोटो साझा की जिसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कक्षों में महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें लगी हुई थीं। भाजपा ने इसे अपनी नीति के अनुसार बताया और किसी भी तरह की असहमति को खारिज किया।