नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल में करीब 26 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि ममता बनर्जी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बाद शिक्षकों की भर्ती घोटाले में जेल जाने वाली दूसरी मुख्यमंत्री होंगी। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ममता के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “अगर ममता बनर्जी में जरा भी जिम्मेदारी का अहसास है, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। वह निश्चित रूप से जेल जाएंगी।”
ममता बनर्जी की विश्वसनीयता पर सवाल
मजूमदार ने कहा कि लगभग 26 हजार भर्ती में से करीब 20 हजार का चयन सही तरीके से हुआ था, जबकि शेष भर्ती कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा रचे गए घोटाले का परिणाम थीं। उन्होंने सरकार से मांग की कि बर्खास्त किए गए योग्य कर्मचारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष या पार्टी के कोष से वेतन दिया जाए, क्योंकि उन्हें और उनके परिवारों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ममता बनर्जी की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह मानवीय आधार पर फैसले को स्वीकार नहीं कर सकतीं। पात्रा ने कहा, “उच्चतम न्यायालय को ममता बनर्जी पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाना चाहिए।”
उच्चतम न्यायालय का आदेश और उसके बाद की स्थिति
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आयोग ने 25 हजार 753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों में खामियों और अवैधताओं को जानबूझकर छुपाया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने स्पष्ट रूप से इस भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताया और उसे रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। इसके साथ ही भाजपा ने ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग तेज कर दी है।