रांची: झारखंड में एक बार फिर संवैधानिक मूल्यों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार के मंत्री हफीजुल हसन के हालिया बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा ऐतराज जताया है। भाजपा का आरोप है कि मंत्री ने संविधान की मर्यादा का उल्लंघन किया है और उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। भाजपा ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मंत्री हफीजुल हसन ने सार्वजनिक रूप से यह कहा कि हम कुरान को दिल में और संविधान को हाथ में रखते हैं और आगे कहा कि मेरे लिए शरिया पहले है, संविधान बाद में। भाजपा का कहना है कि यह बयान न केवल असंवैधानिक है, बल्कि संविधान की शपथ का भी घोर अपमान है।
ये भी लगाया आरोप
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के एक अन्य मंत्री इरफान अंसारी ने संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन कानून को राज्य में लागू नहीं होने देने की धमकी दी है। भाजपा का कहना है कि यह बयान भी संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है।भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कुछ मंत्री संवैधानिक पदों पर होते हुए भी खुले तौर पर धार्मिक मानसिकता को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे राज्य में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ रहा है। पार्टी ने कहा कि इसी सोच के कारण रामनवमी, दशहरा, सरस्वती पूजा, शिवरात्रि जैसे पर्वों के दौरान राज्य में पत्थरबाजी, हिंसा और दंगों की घटनाएं सामने आ रही हैं।
संवैधानिक संकट से गुजर रहा राज्य
भाजपा ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वे मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि संविधान विरोधी बयानों और मानसिकता के लिए जिम्मेदार मंत्री हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किया जाए। पार्टी का कहना है कि राज्य एक गहरे संवैधानिक संकट से गुजर रहा है और इसका समाधान राज्यपाल के हस्तक्षेप से ही संभव है।
राजभवन के बाहर किया प्रदर्शन
ज्ञापन सौंपने के पूर्व रांची महानगर एवं रांची ग्रामीण जिला के भाजपा कार्यकर्ताओं,पदाधिकारियों ने हजारों की संख्या में शहीद चौक रांची से राजभवन तक जोरदार प्रदर्शन किया। राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारे लगाए और संविधान विरुद्ध बयान देने वाले राज्य सरकार के मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करने की मांग की।