टीकमगढ़। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा किया है कि कांग्रेस ने अतीत में जातिगत जनगणना और मंडल आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन रोक दिया था और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी आज इसी तरह का रुख अपना रही है।
जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस की राह पर भाजपा
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा के दौरान अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा चुनावों में ‘पीडीए’ यानी पिछड़ा वर्ग, दलितों और आदिवासियों को लुभाने के लिए जातिगत जनगणना और आरक्षण की बात कर रहे हैं, क्योंकि दोनों दलों को इन तबकों की ताकत का अहसास हो चुका है। उन्होंने कहा कि देश में जातिगत जनगणना और मंडल आयोग की सिफारिशों को (कार्यान्वयन से) किसी पार्टी ने रोका, तो वह कांग्रेस है। अब उसी रास्ते पर भाजपा भी चल रही है।
पिछड़ों के आरक्षण के खिलाफ थी भाजपा, अब समर्थन में
अखिलेश ने कहा कि जातिगत जनगणना का जो सवाल उठा है, उसका चमत्कार देखिए कि अब कांग्रेस कह रही है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। वहीं, भाजपा जो पिछड़ों के आरक्षण के खिलाफ रही है, वह भी आज जातिगत जनगणना की बात कर रही है। चुनाव आ गया है, इसलिए पीडीए की ताकत को दोनों दल समझ गए हैं।
समाजवादी पेंशन योजना का दोहराया संकल्प
सपा प्रमुख ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जारी पार्टी के घोषणापत्र के हवाले से कहा कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और महिलाओं के लिए मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना से बेहतर समाजवादी पेंशन योजना का संकल्प व्यक्त करती है।
समाजवादी पेंशन के तहत देंगे 3000 रुपये
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना के तहत हितग्राहियों को हर माह 3,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए अखिलेश ने दावा किया कि अग्निवीर योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती होने वाले युवाओं को कर्तव्य के दौरान सर्वोच्च बलिदान पर शहीद का दर्जा और वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या वह सरकार जो सैनिकों के लिए ऐसे आधे-अधूरे प्रावधान करती है, उसे राष्ट्रवादी कहा जा सकता है? उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में महिलाओं पर देशभर में सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, वहीं दलितों और आदिवासियों के उत्पीड़न की स्थिति भी गंभीर है।
‘इंडिया’ से गठबंधन फिर भी कांग्रेस पर हमलावर अखिलेश
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि लोगों को उस कथित प्रलोभन के बारे में पता ही नहीं है, जो मार्च 2020 में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के पतन और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार की वापसी का कारण बना। सपा और कांग्रेस विपक्ष गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं, लेकिन दोनों दल मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर 17 नवंबर को होने वाला चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश के चुनावी दौरे में कमलनाथ को लेकर एक सवाल पर यादव ने संवाददाताओं से कटाक्ष भरे लहजे में कहा कि वह (कमलनाथ) बुजुर्ग हैं। उनकी उम्र ज्यादा है। हम उनकी इज्जत करते हैं। उन्हें याद नहीं रहा होगा कि हम उनके मित्र दल हैं। यह गलती उनकी नहीं है, हो सकता कि उनकी उम्र की गलती हो।
अखिलेश और कमलनाथ के बीच तनातनी जारी
क्या सपा और कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव भी अलग-अलग लड़ेंगे, इस पर यादव ने जवाब दिया, मैं यह बात नहीं कहता हूं। लेकिन हमें उन्होंने (कांग्रेस) मध्यप्रदेश में साथ नहीं लिया, जबकि हम तो उनके साथी दल थे। वैसे उन्होंने अच्छा ही किया जो हमें छोड़ दिया। अगर वे हमें बाद में छोड़ते, तो हम कहीं के नहीं बचते। इस चुनाव के लिए दोनों दलों में तालमेल नहीं होने को लेकर अखिलेश और कमलनाथ के बीच तनातनी पहले ही सामने आ चुकी है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा सपा के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ने से नाराज अखिलेश ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ ऐसा ही व्यवहार कर सकती है।
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